मध्यप्रदेश सरकार के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार

मध्यप्रदेश सरकार के राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार

मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने कला के विभिन्न रूपों के सम्मान हेतु कुछ राष्ट्रीय और राज्य स्तर के वार्षिक पुरस्कार स्थापित कर कला और साहित्य के क्षेत्र में नए राष्ट्रीय मानक बनाए हैं।

कबीर पुरस्कार

भारतीय काव्य के क्षेत्र में काव्य प्रतिभा का सम्मान करने के लिए वर्ष 1986-87 में यह पुरस्कार स्थापित किया गया। किसी भी भारतीय भाषा के कवि को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा सकता है। इस पुरस्कार की राशि रू.1,50,000/- है। अब तक कन्नड़, बांगला, पंजाबी, हिन्दी, मराठी और गुजराती भाषा के कवियों को यह सम्मान प्रदान किया गया है।

तानसेन पुरस्कार

वर्ष 1980 में तानसेन पुरस्कार स्थापित हुआ, जिसकी पुरस्कार राशि रू.1,00,000/- है। हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के लिए हर वर्ष ग्वालियर में, तानसेन समारोह के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।

कालिदास पुरस्कार

वर्ष 1980-81 में यह पुरस्कार स्थापित हुआ। शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, नाटक और दृश्य कला के क्षेत्र के लिए निर्धारित इस पुरस्कार स्वरूप रु. 1,00,000/- की राशी और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

तुलसी पुरस्कार

आदिवासी/लोक कला और पारंपरिक कला के सम्मान हेतु वर्ष 1983-84 में तुलसी पुरस्कार स्थापित किया गया। यह पुरस्कार नाटक के लिए दो बार और दृश्य कला के लिए एक बार, इस प्रकार 3 वर्ष की अवधि में बारी-बारी से दिया जाता है। प्राप्तकर्ता को पुरस्कार स्वरूप, रु. 1,00,000/- और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

लता मंगेशकर पुरस्कार

सुगम संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्टता के सम्मान के लिए वर्ष 1984-85 से लता मंगेशकर पुरस्कार शुरू कर दिया गया। किसी भी भाषा के गायक, वादक और संगीतकार को बारी बारी यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत, प्राप्तकर्ता को रु. 1,00,000/- और प्रशंसा का प्रमाणपत्र दिया जाता है। आम तौर पर यह वार्षिक पुरस्कार 4 दिसंबर के दिन या इसके आस-पास, लता मंगेशकर के जन्मदिन पर इंदौर में प्रदान किया जाता है।

इकबाल सम्मान

उर्दू साहित्य में रचनात्मक लेखन के सम्मान के लिए वर्ष 1986-87 में यह सम्मान स्थापित किया गया। पुरस्कार स्वरूप प्राप्तकर्ता को रु. 1,00,000/- और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

कुमार गंधर्व पुरस्कार

संगीत के क्षेत्र में युवाओं के बीच रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए वर्ष 1992-93 में कुमार गंधर्व पुरस्कार स्थापित किया गया। शास्त्रीय, मुखर और वाद्य संगीत के क्षेत्र में, 25 से 45 वर्ष के बीच की उम्र के युवा कलाकारों को यह सम्मान दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत, प्राप्तकर्ता को रु. 51,000/- और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार

हिंदी कविता की रचनात्मक संरचना के क्षेत्र में उत्कृष्टता को सम्मानित करने के लिए वर्ष 1987-88 में रु. 1,00,000/- रुपयों की राशी का यह पुरस्कार स्थापित किया गया।

शरद जोशी सम्मान

साहित्य के अलावा लेखन के अन्य रुझानों से संबंधित लोगों को सम्मानित करने के लिए शरद जोशी पुरस्कार स्थापित किया गया। निबंध, संस्मरण, कोष, डायरी, पत्र और व्यंग्य लेखन के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार के तहत, प्राप्तकर्ता को रु. 51,000/- और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

शिखर सम्मान

साहित्य, संगीत, रंगमंच और दृश्य कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट रचनात्मकता के लिए वर्ष 1980-81 में यह सम्मान स्थापित किया गया। हर वर्ष संगीत, नृत्य, नाटक और लोक कला के क्षेत्र से, एक कला को पुरस्कार के लिए चुना जाता है। दृश्य कला के लिए शिखर सम्मान आदिवासी और गैर आदिवासी, इन दोनों रूपों के लिए दिया जाता है। आम तौर पर, 3 वर्ष की अवधि में एक वर्ष, रूपांकर कला को चुना जाता है। साहित्य के क्षेत्र में केवल हिन्दी के लिए ही शिखर सम्मान दिया जाता है। प्रत्येक शिखर सम्मान की पुरस्कार राशि रु. 31,000/- है।

किशोर कुमार पुरस्कार

यह पुरस्कार वर्ष 1998 में स्थापित किया गया। हर वर्ष फिल्म निर्देशन, अभिनय, पटकथा लेखन और गीत लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए यह पुरस्कार प्रस्तुत किया जाता है। प्राप्तकर्ताओं को पुरस्कार (रु.1 लाख की राशि) प्रदान करने के लिए किशोर कुमार के जन्म स्थान, मध्यप्रदेश के खंडवा में, एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

देवी अहिल्या बाई पुरस्कार

वर्ष 1997 में स्थापित देवी अहिल्या बाई पुरस्कार, आदिवासी लोक कला और पारंपरिक कला में उत्कृष्टता के लिए केवल महिला कलाकारों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के तहत, प्राप्तकर्ता को रु. 1,00,000/- और प्रशंसा का प्रमाणपत्र दिया जाता है।

महात्मा गांधी पुरस्कार

गांधीवादी दर्शन के आधार पर सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में कार्यरत संगठनों को यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसके प्राप्तकर्ता को रुपये 5 लाख और प्रशंसा का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।

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