कोरोना से जंग में गाड़िया लोहार ने दिया खास योगदान, पीएम मोदी ने कहा- अद्भुत और प्रेरक मिसाल

भीलवाड़ा में निशुल्‍क खाद्य सामग्री वितरण करने गए एक समाजसेवी संगठन के लोगों के सामने गाड़िया लोहार बस्ती के लोगों ने अनूठी मिसाल पेश की। बस्ती में लाेगों ने फ्री राशन लेने से इनकार कर दिया और खुद काे गरीब बताते हुए भी इस मुश्किल घड़ी में जरुरतमंदों की मदद के लिए 51000 रुपए इकट्ठा कर संगठन को सौंपे।

हाइलाइट्स
  • भीलवाड़ा में गाड़ोलिया (गाड़िया लोहार) बस्‍ती में एक समाजसेवी संगठन फ्री राशन बांटने पहुंचा था।
  • मदद लेने से बस्ती के लोगों ने इनकार कर दिया और तत्काल 51 हजार रुपए इकट्‌ठा किए।
  • इन रुपयों की मदद से गाड़िया लोहार समाज ने संगठन के लोगों से राशन के पैकेट खरीद लिए।
  • गाड़िया लोहार बस्ती के लोगों ने यह पैकेट्स गरीबों में बांटने के लिए खरीदे और जरूरत पड़ने पर और पैसे इकट्‌ठा कर लोगाें की मदद करने की बात कही।

भीलवाड़ा। सीमित संसाधन होने के बावजूद मुगलों को नाकों चने चबवाने वाले महान योद्धा महाराणा प्रताप के शासनकाल में आई विपदा के समय उनके साथी रहे गाड़िया लोहार (गा‍डौलियां लुहार) समुदाय ने आज फिर एकबार अनूठी मिशाल पेश की है। कोरोना वायरस के चलते संकट की इस घड़ी में लॉकडाउन के दौरान भीलवाड़ा शहर के गाड़िया लोहार समुदाय ने 200 जरुरतमंद परिवारों को राशन सामग्री पहुंचाई है। उनके इस काम की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि, अद्भुत और प्रेरक मिसाल! विषम परिस्थितियों में गाड़ोलिया समाज द्वारा किए जा रहे ये नेक कार्य हर भारतवासी को प्रेरित करने वाले हैं।

संकट की घडी में अपनी क्षमता से बाहर जाकर मदद

गाड़िया लोहार परिवार जहां आज भी गाड़ी में अपना जीवन बसर कर रहे है उन लोगों ने भी देश पर आये इस संकट की घडी में अपनी क्षमता से बाहर जाकर 51 हजार रुपए एकत्रित करके 2 सौ परिवारों के लिए खाद्य सामग्री उपलब्‍ध करवाकर एक अनूठी मिशाल पेश की है। संकट की इस घडी में क्‍या असहाय और समक्ष सब एक समान है। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जो अपने घरों पर खाद्य सामग्री होने के बावजूद भी गरीब बनकर प्रशासन को फोन करके परेशान करते है।

प्रधानमंत्री ने गाड़िया लोहार समाज के इस कार्य को प्रेरक मिसाल बताया है
यह पूरा घटनाक्रम

जब समाजसेवी संगठन महंत हंसाराम के साथ ट्रांसपोर्ट नगर की गाड़ोलिया बस्‍ती में निशुल्‍क खाद्य सामग्री वितरण करने गए तो इन्‍होंने निशुल्‍क लेने से मना किया और अपने बस्‍ती के लोगों से पैसा एकत्रित करके इस सामग्री की कीमत अदा करते हुए ली और कहा कि हम यह सामग्री जरूरतमंदों को देंगे। गाड़ोलिया लोहार कालू लाल का कहना है कि हमारे पास खाना का है लेकिन आज देश संकट में है इसकी कारण हमने यहां पर लाये 200 पैकेट गरीबों के लिए प्रदान किए हैं। यदी आगे भी जरूरत होगी तो हम ओर सामग्री भी प्रदान करेगें।

संकट में देश हीत के लिए खड़ा हुआ समाज

हरिसेवा धाम के महंत हंसाराम ने कहा कि धनाढ्य सेठों को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए की ऐसा समाज जो गाड़ियों में अपना जीवन गुजरता है वह संकट में देश हीत के लिए खड़ा हुआ है। वहीं समाजसेवी चांदमल सोमाणी ने कहा कि हम इस बस्‍ती में भोजन सामग्री देने आये थे लेकिन इन्‍होने यह कहकर मना कर दिया कि हम मेहनत करके खाते है। उन्‍होने हमारे से यह सामग्री खरीदकर गरीबों तक पहुंचाने के लिए कहा यह सभी के लिए अद्भुत उदाहरण है।

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