राजस्थान के प्रमुख खनिज
राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है। राजस्थान खनिज की दृष्टि से एक सम्पन्न राज्य है। देश के कुल खनिज उत्पादन में राजस्थान का योगदान 22 प्रतिशत है। राजस्थान में जस्ता सबसे अधिक मात्र में पाया जाता है। यहाँ देश के कुल जस्ता उत्पादन का 98% जस्ता उत्पादित होता है। फ्लोराइट खनिज के उत्पादन में राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है।
खनिज | स्थान |
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बैराइट्स | अजमेर, भरतपुर, अलवर, सीकर, बीकानेर |
सीसा | उदयपुर |
लौह अयस्क | जयपुर |
मैगनीज | बाँसवाड़ा, सवाई माधोपुर , अजमेर , उदयपुर |
पन्ना | उदयपुर, अजमेर |
जस्ता | उदयपुर |
डोलोमाईट | जयपुर, अलवर,अजमेर |
हीरा | चित्तौडगढ |
क्वार्टज़ | अजमेर |
ग्रेनाईट | जालौर |
चीनी मिटटी | सीकर, जालौर, अलवर, सवाई माधोपुर |
चूना पत्थर | जोधपुर, कोटा, उदयपुर, जयपुर, सवाई माधोपुर |
जिप्सम | बीकानेर , नागौर , जैसलमेर |
चांदी | उदयपुर |
संगमरमर | नागौर, अलवर, सीकर, अजमेर, जालौर, सिरोही, उदयपुर, जैसलम, जैसलमेर |
तांबा | अलवर, उदयपुर |
लिग्नाइट | बीकानेर , जोधपुर |
युरेनियम | बांसवाडा, डूंगरपुर |
अभ्रक | भीलवाड़ा, उदयपुर |
राजस्थान के प्रमुख उद्योग – Major Industries of Rajasthan
सूती वस्त्र
- सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का प्राचीनतम उद्योग है। यह उद्योग बड़े पैमाने के उद्योगों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
- राजस्थान की प्रथम सूती वस्त्र मिल ‘दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड’ की स्थापना 1889 में सेठ दामोदर दास राठी व श्याम जी कृष्ण वर्मा ने ब्यावर में की ।
- ब्यावर शहर में ही 1906 में एडवर्ड मिल्स लि0 व 1925 में श्री महालक्ष्मी मिल्स लि0 स्थापित हुई।
- वर्तमान में सूती वस्त्र उद्योग में निजी क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र तथा सहकारी क्षेत्र में सूती वस्त्र की मिलें है।
- राजस्थान में सबसे बडी सूती वस्व मील ‘उम्मेद मिल्स‘ पाली मे है
- वर्तमान में राज्य में 23 सूती वस्त्र मिलें स्थापित है।
- राजस्थान की प्रमुख सूती वस्त्र मिले:
- एडवर्ड मिल्स लिमिटेड ब्यावर
- महालक्ष्मी मिल्स लिमिटेड ब्यावर
- मेवाड़ टेक्सटाईल मिल्स भीलवाड़ा
- महाराजा उम्मेद सिंह मिल्स लि. पाली
- सार्दूल टेक्सटाइल मिल्स लि. श्रीगंगानगर
- राजस्थान स्पिनिंग एण्ड जिनीविंग मिल्स भीलवाड़ा
- आदित्य मिल्स किशनगढ़
- उदयपुर कॉटन मिल्स उदयपुर
- राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स भवानी मण्डी
- गंगापुर को आँपरेटिव स्पिनिंग मिल्स गंगापुर
- श्री गोयल इंडस्ट्रीज कोटा
- सुदर्शन टेक्सटाइल्स कोटा
- बांसवाड़ा सिन्थेटिक्स बासवाड़ा
- विजय कॉटन मिल्स विजयनगर
- बांसवाड़ा फेब्रिक्स बांसवाड़ा
सीमेन्ट उद्योग
- राजस्थान सीमेन्ट उद्योग में भारत का अग्रणी राज्य माना जाता है।
- राज्य में सर्वप्रथम क्लीक निकसन कम्पनी द्वारा 1915 में लाखेरी, बूंदी में सीमेंट संयंत्र स्थापित किया गया ।
- सवाईमाधोपुर में ’जयपुर उद्योग लि0’ (प्रारंभिक उत्पादन 1953 से 1959) स्थापित किया गया, किन्तु 1986 से उत्पादन बन्द है।
- सीमेंट की ” श्री सीमेंट कम्पनी ‘ जो की ‘ब्यावर में स्थित है । यह उत्तरी भारत की सबसे बडी कम्पनी है ।
- राज्य के प्रमुख सीमेन्ट संयंत्रों में –
- बिड़ला सीेमेन्ट वर्क्स (चित्तौड़गढ़),
- उदयपुर सीमेन्ट वर्क्स (उदयपुर),
- जे.के. सीमेन्ट वर्क्स (निम्बाहेड़ा),
- मंगलम सीमेन्ट मोडक (कोटा),
- जे.के. व्हाईट सीमेन्ट (गोटन),
- श्रीसीमेन्ट लिमिटेड (ब्यावर) प्रमुख है।
चीनी उद्योग
- राजस्थान में सर्वप्रथम चीनी मील चितौडगढ जिले के भोपाल सागार नामक नगर में ‘ मेवाड़ शूगर मील ‘ के नाम से सन् 1932 मे निजी क्षेत्र में खोली गई ।
- 1938 में गंगानगर चीनी मिल्स की स्थापना हुई। इसमें उत्पादन 1946 से प्रारम्भ हुआ।
- जुलाई 1956 से यह सार्वजनिक क्षेत्र में काम कर रही है।
- राज्य में 1965 में श्री केशोरायपाटन सहकारी चीनी मिल्स लिमिटेड की स्थापना की गई जो विगत कुछ वर्षों से बन्द है।
- राजस्थान में चीनी की तीनों मिलें निजी, सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र में होने के कारण तीनों प्रकार के संगठनों के उत्पादन की तुलना करने का अवसर प्रदान करती है।
- दी गंगानगर शूगर मील को वर्तमान में करणपुर के कमीनपुरा गाँव में स्थापित किया जाएगा । दी गंगानगर शूगर मिल्स शराब बनाने का कार्यं भी करती हैं ।
कांच उद्योग
- राजस्थान सिलिका उत्पादन की दृष्टि से हरियाणा के बाद देश में दूसरे स्थान पर हैं ।
- कांच बनाने में बालू मिट्टी, सिलिका मिट्टी, सोडा सल्फेट, शीरा, चूने का पत्थर आदि प्रमुख होते हैं। ये सभी राज्य में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
- कांच बनाने वाले कुशल मजदूर भी राज्य में हैं।
- राजस्थान में कांच बनाने में धौलपुर के दो कारखाने विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं।
- इनमें से एक धौलपुर ग्लास वर्क्स निजी क्षेत्र में कार्यरत है तथा दूसरा कारखाना हाईटैक प्रेसीजन ग्लास वर्क्स, धौलपुर है जो गंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड के अन्तर्गत है एवं मदिरा विभाग के लिए बोतलों का उत्पादन करता है।
- उदयपुर में भी कांच का कारखाना है।
- ‘बॉश एण्ड लाम्ब लि.’ कंपनी भिवाडी ( अलवर ) में स्थित है । इस फैक्ट्री में लेंस एवं चश्मो का निर्माण किया जाता है ।
वनस्पति घी उद्योग
- मूंगफली व बिनौले का तेल वनस्पति घी उद्योग के लिए प्रमुख कच्चा माल है।
- राजस्थान में सर्वप्रथम 1964 में भीलवाड़ा में वनस्पति घी का कारखाना खोला गया।
- राजस्थान में वनस्पति घी बनाने के 9 कारखाने हैं
- जयपुर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, चित्तौडगढ़ व गंगानगर आदि शहरों में स्थापित हुए।
- राज्य में वनस्पति घी की मांग में हो रही वृद्धि के साथ वनस्पति घी का उत्पादन भी तेजी से बढ़ा है।
- विश्वकर्मा क्षेत्र ( जयपुर ) में स्थित वनस्पति तेल फैक्ट्री का नाम वीर बालक रख दिया गया है ।
नमक उद्योग
- नमक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का देश में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
- यहाँ खारे पानी की झीलें बहुतायत में है। वर्तमान में राज्य में सार्वजनिक तथा निजी दोनों क्षेत्रों में नमक का उत्पादन किया जा रहा है।
- झीलों से नमक उत्पादन करने मे राजस्थान का देश मे प्रथम स्थान है ।
- सांभर में नमक का उत्पादन भारत सरकार का उपक्रम हिन्दुस्तान साल्ट्स लिमिटेड की सहायक कम्पनी सांभर सांल्ट्स लिमिटेड की देख रेख में होता है। सांभर झील नमक उत्पादन में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
- राजस्थान में नमक पर आधारित राज्य सरकार के उपक्रम डीडवाना में तीन तथा एक पंचभदरा में है।
- इसके अलावा राज्य में निजी क्षेत्र में लघु पैमाने के नमक उद्योग है जिनमें पोकरण, फलौदी, कुचामन व जाब्दीनगर (नागौर) प्रमुख है।
- ‘साबू सोडियम लि.‘ नमक परियोजना गोबिन्दी ग्राम ( नागौर ) में आयोडीन नमक उत्पादन करने की परियोजना है क्यारियों में बना नमक ‘क्यार’ कहलाता है । क्यारियों में डाला गया लवणीय पानी ‘ ब्राइन ‘ कहलाता है ।