उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्ण कटिबंधीय मानसून प्रकार की है। तराई क्षेत्रों में यह नमी लिए रहती है और दक्षिण पठारी क्षेत्र में ग्रीष्म ऋतु में नमी बिल्कुल नहीं रहती है। उत्तर प्रदेश को वर्षा, भू-भाग और मिट्टी की विशेषताओं के आधार पर 9 कृषि जलवायु क्षेत्रों में बांटा गया है।
उत्तर प्रदेश के 9 कृषि जलवायु क्षेत्र
- भाबर और तराई क्षेत्र
- पश्चिमी मैदानी क्षेत्र
- मध्य पश्चिमी मैदानी क्षेत्र
- पश्चिमी उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र
- मध्य मैदानी क्षेत्र
- बुंदेलखंड क्षेत्र
- पूर्वी मैदानी क्षेत्र
- उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र
- विंध्य क्षेत्र
उत्तर प्रदेश को मुख्यतः दो जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया गया है-
- आद्र एवं उष्ण प्रदेश
- साधारण आद्र एवं उष्ण प्रदेश
आद्र एवं उष्ण प्रदेश
आद्र एवं उष्ण प्रदेश को तराई क्षेत्र (औसत वार्षिक वर्षा 120-180 cm.) एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश (औसत वार्षिक वर्षा 100-120 cm.) में विभाजित किया गया है।
साधारण आद्र एवं उष्ण प्रदेश
साधारण आद्र एवं उष्ण प्रदेश को मैदानी क्षेत्र (औसत वार्षिक वर्षा 80-100 cm.), पश्चिमी मैदानी क्षेत्र और बुंदेलखंड का पहाड़ी-पठारी क्षेत्र में विभाजित किया जाता है। पश्चिमी मैदानी क्षेत्र और बुंदेलखंड के पहाड़ी-पठारी क्षेत्र में वार्षिक वर्षा कम होती है इसका कारण है कि प्रदेश में पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण जाने पर वायु में आद्रता की मात्रा घटती जाती है।
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उत्तर प्रदेश में ऋतुएं
भगौलिक विषमताओं के कारण उत्तर प्रदेश में क्षेत्रानुसार जलवायु सम्बन्धी विशेषताये पाई जाती है । फिर भी सामान्य रूप से प्रदेश की जलवायु उष्ण कटिबंधीय व मानसूनी है फिर भी धरातलीय विषमताओं और समुद्र तल से विभिन्न स्थानों की भिन्न भिन्न उचाइयां होने के कारण यंहा की जलवायु में विषमता मिलती है यंहा वर्ष भर में तीन ऋतुएं घटित होती है.
उत्तर प्रदेश में मुख्यतः तीन ऋतु होती हैं –
- शीत ऋतु
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
शीत ऋतु
उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु अक्टूबर से फरवरी तक रहती है । शीत ऋतु में सबसे ठंडा महीना जनवरी का पड़ता है। शीत ऋतु में उत्तर प्रदेश का तापमान उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ता जाता है। उत्तर प्रदेश के दक्षिण पठारी भाग का शीत ऋतु में औसत न्यूनतम तापमान 13.3 डिग्री सेल्सियस रहता है तथा पश्चिमी मैदानी एवं पर्वतीय क्षेत्रों में औसत न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहता है।
उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु में वर्षा उत्तर पश्चिम से आने वाले चक्रवातों के कारण होती है। शीतकालीन चक्रवातों की उत्पत्ति भूमध्य सागरीय क्षेत्र में होती है।
शीतकालीन चक्रवातों के कारण उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में 7-10 सेंटीमीटर तक वर्षा होती है।
प्रदेश में नवम्बर महीने से शीत ऋतु प्रारम्भ हो जाती है। जनवरी प्रदेश का सर्वाधिक ठंडा महीना होता है। इस ऋतु में प्रदेढ़ के विभिन्न भागों में तापमान में काफी अंतर होता है। जहां दक्षिणी पहाड़ी तथा पठारी क्षेत्रो में औसत अधिकतम तापमान 28.3℃ और औसत न्यूनतम तापमान 13.3℃ रहता है, वही मैदानी क्षेत्रों में क्रमशः 27.2℃ से 11.7℃ तक रहता है।
● प्रदेश में शीत ऋतु में तापमान दक्षिण से उत्तर की और कम होता जाता है।
● उत्तर पश्चिमी जिलों में शीत ऋतु में औसत तापमान अन्य सभी क्षेत्रों से सबसे कम लगभग 10℃ रहता है। उत्तरांचल में बर्फबारी होने पर इस क्षेत्र में ठंड और अधिक बढ़ जाती है।
●शीतकाल में भूमध्य सागरीय क्षेत्रो से उत्पन होने वाले चक्रवातों के पाकिस्तान के रास्ते भारत मे प्रवेश करने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 cm से अधिक वर्षा हो जाती है जो रभी कि फसल के लिए लाभदायक है। इन चक्रवातों से पूर्वोत्तर क्षेत्रो में 7 cm तथा पठारी क्षेत्रो में 5 से 7.5 cm तक वर्षा होती है लेकिन प्रदेश के कई भागों में कोहरे के प्रभाव रहता है। कोहरे के कारण तराई क्षेत्रो में कभी कभी सूर्य के दिनों तक दिखाई नही देता है।
ग्रीष्म ऋतु
उत्तर प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु मध्य मार्ग से मध्य जून तक रहती है। उत्तर प्रदेश में मई एवं जून माह में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है। ग्रीष्म ऋतु में औसत अधिकतम तापमान 36-39 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 21-23 डिग्री सेल्सियस होता है। ग्रीष्म ऋतु में कुछ स्थानों पर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सर्वाधिक औसत तापमान पाया जाता है इसका कारण इसकी कर्क रेखा से अधिक निकट अवस्थिति का होना है।
उत्तर प्रदेश के झांसी एवं आगरा जिलों में सबसे अधिक तथा बरेली जिले में सबसे कम गर्मी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में पश्चिमी हवाएं तेज गति से चलती है। इन शुष्क एवं गर्म हवाओं को लू कहा जाता है।
सूर्य के कर्क रेखा की और बढ़ने के साथ ही प्रदेश के तापमान में व्रद्धि होनी शुरू हो जाती है और जून में तापमान अपने उच्चतम बिंदु तक पहुच जाता है।
● ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 36℃ से 39℃ तक तथा औसत न्यूनतम तापमान 21℃ से 23℃ तक तथा औसत तापांतर 14℃ रहता है।
● इस ऋतु में कर्क रेखा के नजदीक होने के कारण इलाहाबाद, कानपुर, फतेहपुर, आगरा, बांदा, चित्रकूट, महोबा, झांसी, हमीरपुर, जालों, ललितपुर आदि बुन्देलखण्डीय नगरों का तापमान 40℃ से 47℃ तक पहुच जाता है।
● इस ऋतु में विशेषकर मई, जून महीने में पश्चिमी हवाए तीव्र हो जाती है जिन्हें लू कहा जाता है। ये अत्यंत गर्म और शुष्क होती है। कभी कभी इन शुष्क हवाओ से सामुद्रिक हवाए मिल जाती है परिणामस्वरूप 100 से 115 km/hr वेग से चलने वाले तूफान(धूल भरी आंधिया) आते है।
● इस ऋतु में वर्षा बहुत कम होती है जो लगभग 10 से 25 cm तक होती है।
NOTE- सबसे अधिक गर्मी आगरा व झांशी में और सबसे कम गर्मी बरेली में पड़ती है
वर्षा ऋतु
उत्तर प्रदेश में वर्षा ऋतु जून के मध्य या जून के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ होकर अक्टूबर तक रहती है। बंगाल की खाड़ी से उड़ने वाला मानसून बिहार के मैदानी भाग से होता हुआ उत्तर प्रदेश में प्रवेश करता है, इसे पूर्वा कहते हैं।
उत्तर प्रदेश की अधिकांश मानसूनी वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून के बंगाल की खाड़ी के मानसून शाखा से होती है यह उत्तर प्रदेश की कुल वर्षा का लगभग 75 से 80% भाग होता है। प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई एवं अगस्त माह में होती है। तथा लगभग 83% वर्षा जून से सितंबर माह के बीच और लगभग 17% वर्षा शीत ऋतु में होती है। उत्तर प्रदेश में दक्षिण पश्चिम मानसून की अरब सागर मानसून शाखा से नाममात्र की वर्षा ही प्राप्त होती है। इस शाखा की अधिकांश वर्षा प्रदेश के दक्षिण पठारी भाग में होती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्वी मैदानी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 112 सेमी. है, मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 94 सेमी है, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी मैदानी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 84 सेमी है तथा उत्तर प्रदेश के दक्षिण पठार एवं पहाड़ी क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 91 सेमी है।
उत्तर प्रदेश की मैदानी क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर (औसत 184.7 सेमी.) में तथा सबसे कम वर्षा मथुरा (औसत 54.4 सेमी.) में होती है।
उत्तर प्रदेश की नदियों में अधिकतम प्रवाह मानसून के दौरान ही रहता है। सामान्यता प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित होता है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1978 में सबसे भीषण बाढ़ आई थी जिससे लाखों हेक्टेयर क्षेत्र और लगभग 23% आबादी प्रभावित हुई थी।
बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मानसून जून के तृतिया-चतुर्थ सप्ताह में प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिणी पूर्वी सिरे से प्रवेश करता है। इस मानसून का कुछ भाग वर्ष करते हुए सीधे पश्चिम निकल जाता है लेकिन कुछ भाग उत्तर की और बढ़ता है और हिमालय से टकराकर वापस लोटता है। इस वापस लौटते मानसून से प्रदेश के तराई क्षेत्रो (सहारनपुर से लेकर कुशीनगर तक पतली पट्टी के रूप में विस्तृत) में खूब वर्ष होती है।
● दक्षिणी पश्चिमी मानसून से कुछ वर्षा प्रदेश के पठारी तथा पश्चिमी मैदानों में होती है।
● सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर में होती है जहां वर्षा की मात्रा 184.7 cm होती है जबकि सबसे कम वर्षा मथुरा में होती है जहां 54.4 cm तक वर्षा होती है। पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में औसत वर्षा 112 cm , मध्यवर्ती मैदानों में 94 cm, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में 84 cm, दक्षिणी पहाड़ी पठारी क्षेत्र में औसत वर्षा 91 cm होती है।
● गोरखपुर में वर्षा अवधि 56 दिन होती है वही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केवल 32 दिन।
● प्रदेश की सम्पूर्ण वर्षा का लगभग 83% वर्षा इसी ऋतु (जुलाई से सितंबर तक) मे होती है।
● इस ऋतु में प्रदेश का औसत उच्चतम तापमान 32 से 34℃ और न्यूनतम तापमान 25℃ तथा औसत तापांतर 7-8℃ तक होता है।
प्रदेश में होने वाली सम्पूर्ण वर्ष का 75 से 85℅ भाग होता है पूर्वा से
सर्वाधिक और सबसे कम वर्षा वाला जिला:- गोरखपुर (184.7 से.मी.),मथुरा (54.4से.मी)
प्रदेश के सबसे कम नम भूमि वाले जिले:- बागपत व हाथरस
प्रदेश का सर्वाधिक नम भूमि वाला जिला:- सोनभद्र
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वर्षा के आधार पर जलवायु वर्गीकरण ( Climate classification based on rainfall )
उत्तर प्रदेश में दो प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते है-
आद्र एवं उष्ण क्षेत्र और साधारण आद्र एवं उष्ण क्षेत्र
● आद्र एवं उष्ण क्षेत्र में दो उप-विभाग (तराई क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश) है। प्रथम उप विभाग अथार्त तराई क्षेत्र में सहारनपुर, बिजनोर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर आदि जिले आते है, जहाँ औसत वार्षिक वर्षा 120 cm से 150 cm तक होती है। इस क्षेत्र में जनवरी में औसत तापमान 18℃ और जुलाई में 30℃ होता है।
● दूसरे उप-विभाग अथार्थ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में वार्षिक वर्षा का औसत 100 से 120 cm तक रहता है। इस उप-विभाग में पूर्व से पश्चिम की और चलने पर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है।
● साधारण आद्र एवं उष्ण क्षेत्र में तीन उप-विभाग है। यथा मध्यावर्ती मैदानी क्षेत्र, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र तथा बुंदेलखंड के पहाड़ी पठारी क्षेत्र।
● मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र में उत्तरी इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, हरदोई, फरुखाबाद, और दक्षिणी शाहजहांपुर आदि सम्मिलित है। इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 80 से 100 cm रहता है। यहां ग्रीष्म ऋतु में उच्च तापमान और जनवरी में 15℃ से 16℃ रहता है। इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की और घटती जाती है।
● पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में आगरा, मैनपुरी, मथुरा, एटा, अलीगढ़, बंदायू, बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, दक्षिणी सहारनपुर आदि जिले सम्मिलित है। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 65 से 80 cm तक होती है।तथा शीट काल मे तापमान 12℃ से 14℃ तक रहता है। इस क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की और वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
● बुन्देलखण्डीय पहाड़ी पठारी क्षेत्र के अंतर्गत ललितपुर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, चित्रकूट, दक्षिणी इटावा, दक्षिणी इलाहाबाद आदि जिले सम्मिलित है। इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 80 से 100 cm है। इस क्षेत्र में शीतकालीन औसत तापमान 18 से 19℃ तक तथा ग्रीष्कालीन 40℃ से 45℃ तक रहता है। 1987 में बांदा में 49℃ तापमान रिकॉर्ड किया गया था। इस क्षेत्र में भी वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की और चलने पर घटती जाती है।
Uttar Pradesh’s climate important facts and Quiz-
- उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है।
- राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 तक रहता है।
- मई-जून में यह तापमान 27.50 से 32.50 के बीच रहता है।
- यहां पूर्व से 1000 मिमी से 2000 मिमी और पश्चिम में 610 मिमी से 1000 मिमी की वर्षा होती है।
- राज्य में पूर्व से पश्चिम की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
- राज्य में लगभग 90% वर्षा दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान होती है जो जून से सितंबर तक रहती है।
- प्रदेश में वर्षा का प्रारंभ जून के अंतिम सप्ताह से होता है।
- जून से सितंबर तक होने वाली वर्षा के कारण राज्य के पूर्वी हिस्से में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- राज्य के पूर्वी हिस्से में बाढ़ के कारण फसल, जनजीवन व संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचता है।
- राज्य में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर में और सबसे कम वर्षा मथुरा में होती है।
- राज्य में सर्वाधिक औसत तापमान बुंदेलखंड में पाया जाता है।
- उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु में पश्चिमी गंगा मैदान में सबसे कम तापमान पाया जाता है।
- वर्षा ऋतु में उत्तर प्रदेश में (75% से 80%) अधिकांश वर्षा बंगाल की खाड़ी से होती है।
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