विश्व के महत्वपूर्ण घास के मैदान (Grasslands of the World) – विश्व में बहुत से महत्वपूर्ण घास के मैदान पाए जाते हैं। इन सभी का महत्त्व विभिन्न उद्देश्यों से भिन्न-भिन्न है।
घासभूमि या विहारभूमि या चमनज़ार या घास के मैदान ऐसे विस्तृत क्षेत्र को कहते हैं जहाँ दूर-दूर तक घास और छोटे झाड़ फैले हुए हों। ऐसी जगहों पर जहाँ-तहाँ वृक्ष भी हो सकते हैं लेकिन भूमि के अधिकतर हिस्से पर घास ही बिछी हुई होती है।
अंटार्कटिका को छोड़कर घासभूमियाँ हर महाद्वीप पर पाई जाती हैं और अक्सर स्थानीय नामों से जानी जाती हैं।
दक्षिणी अफ़्रीका में इसे ‘वॅल्ड’, उप-सहारवी अफ़्रीका में ‘सवाना’, यूरोप व एशिया में ‘स्तेपी’, उत्तर अमेरिका में ‘प्रेरी’ और दक्षिण अमेरिका में ‘पाम्पास’ के नाम से जाना जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में घासभूमि के छोटे क्षेत्रों को ‘मर्ग’ कहा जाता है।
वह घासभूमि जिसका प्रयोग जानवर चराने के लिये किया जाता हो, उसे अक्सर चारागाह भी कहा जाता है। विश्व के अलग भागों की घासभूमियों में घास की जातियों में भी अंतर होता है।
दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग और दक्षिण अफ़्रीका की घासभूमियों में घासों की सबसे अधिक जातीय विविधता पाई गई है। पम्प्पास घास रहित मैदान होते है।
विश्व के प्रमुख घास के मैदान
सवाना –
सवाना एक उष्ण कटिबंधीय घास का मैदान है, जो उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों और मरुस्थलीय बायोम के बीच पाया जाता है। इस प्रकार के घास के मैदान में घास के अतिरिक्त कहीं-कहीं झाड़ियाँ और कुछ पेड़ भी पाए जाते हैं।
ये बहुत बडे क्षेञ में फैले रहते हैं और हमेशा हरे भरे रहते हैैं, इसके साथ इसमें पेड पौधे भी होते हैं।
सवाना घास का मैदान मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीका (केन्या, तंजानिया) में पाए जाते हैं। इसका सर्वाधिक विस्तार अफ्रीका में ही पाया जाता है। इसके अतिरिक्त ये कोलंबिया और वेनेजुएला के ओरिनिको बेसिन तथा ब्राजील, बेलीज, होंडुरास के साथ साथ भारत के दक्षिणी भागों में भी पाए जाते हैं।
पम्पास –
पम्प्पास घास रहित मैदान होते है। ये घास के मैदान अत्यघिक उपजाऊ हैं।
पम्पास घास के मैदान का विस्तार दक्षिण अमेरिका के अर्जेन्टीन और उरुग्वे में अटलांटिक महासागर से लेकर एंडीज पर्वत तक पाया जाता है। ये घास के मैदान 7-8 लाख वर्ग किलो मीटर में फैले हैं।
वॅल्ड –
वॅल्ड या वेल्ड दक्षिणी अफ्रीका के खुले क्षेत्रों को कहते हैं जो काफ़ी हद तक घास व छोटी झाड़ों से ढके हुए मैदानी क्षेत्र हैं। वॅल्ड विशेषकर ज़िम्बाबवे, बोत्सवाना, नामीबिया और दक्षिण अफ़्रीका के कई भागों में वस्तृत है।
स्टेपी –
स्तॅप, स्तॅपी या स्टेपी यूरेशिया के समशीतोष्ण (यानि टॅम्प्रेट) क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है। यह पूर्वी यूरोप में युक्रेन से लेकर मध्य एशिया तक फैले हुए हैं। स्तॅपी क्षेत्र का भारत और यूरेशिया के अन्य देशों के इतिहास पर बहुत गहरा प्रभाव रहा है।
स्तॅपी में तापमान ग्रीष्मऋतु में मध्यम से गरम और शीतऋतु में ठंडा रहता है। गर्मियों में दोपहर में तापमान ४० °सेंटीग्रेड और सर्दियों में रात को तापमान -४० °सेंटीग्रेड तक जा सकता है। कुछ क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में भी बहुत अंतर होता है: मंगोलिया में एक ही दिन में सुबह के समय ३० °सेंटीग्रेड और रात के समय शून्य °सेंटीग्रेड तक तापमान जा सकता है। अलग-अलग स्तॅपी इलाक़ों में भिन्न मात्राओं में बर्फ़ और बारिश पड़ती है। कुछ क्षेत्र बड़े शुष्क हैं जबकि अन्य भागों में सर्दियों में भारी बर्फ़ पड़ती है।
प्रेरी –
प्रेरी पृथ्वी के समशीतोष्ण क्षेत्र में स्थित विशाल घास के मैदानों को कहा जाता है। इनमें तापमान ग्रीष्मऋतु में मध्यम और शीतऋतु में ठंडा रहता है और मध्यम मात्राओं में बर्फ़-बारिश पड़ती है। यहाँ पर वनस्पति जीवन घास, फूस और छोटी झाड़ों के रूप में अधिक और पेड़ों के रूप में कम देखने को मिलता है।
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विश्व के प्रमुख घास के मैदान कहा है :-
घास के मैदान | विस्तार क्षेत्र |
सवाना | पूर्वी अफ्रीका (केन्या, तंजानिया), वेनेजुएला, कोलंबिया, ब्राजील |
पम्पास | अर्जेंटीना, उरुग्वे, ब्राजील |
स्टेपीज | पश्चिम रूस, मध्य एशिया (यूरेशिया) |
कैम्पास | ब्राजीलियन उच्च भूमि |
लानोज | वेनेजुएला |
सेल्वास | अमेजन बेसिन |
सेराडो | ब्राजील |
साहेल | अफ्रीका में लाल सागर से अटलांटिक सागर तक |
वेल्ड | दक्षिण अफ्रीका |
केंटरबरी | न्यूजीलैंड |
डाउंस | आस्ट्रेलिया |
प्रेयरी | उत्तरी अमेरिका |
पुस्ताज | हंगरी |
पटाना | श्रीलंका |
पोर्कलैंड | आस्ट्रेलिया |
कंपोज | ब्राजील |
उष्ण कटिबंधीय घास के मैदान | शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान |
सवाना | प्रेयरी |
कैम्पास | पम्पास |
सेल्वास | स्टेपीज |
लानोज | डाउंस |
पार्कलैंड | वेल्ड |
घासभूमि / घास के मैदान
- घासभूमि वह क्षेत्र होता है जहां शाकीय पौधों, मुख्यतः पोएसी कुल के पौधों का प्रभुत्व होता है। इन क्षेत्रों में साइपरेसी एवं जंकेसिया कुल के पौधे भी पाये जाते हैं।
- अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर विश्व के सभी महाद्वीपों पर प्राकृतिक घासभूमियों का विस्तार है। अधिकांश घासभूमियों वनभूमियों एवं मरूस्थलों के मध्य अवस्थित संक्रमण पेटी में ही पायी जाती हैं।
- विश्व के कुल भूमि के लगभग एक चौथाई भाग पर घासभूमियों का विस्तार है।
- अवस्थिति के आधार पर घासभूमियों को दो भागों में विभक्त किया जा सकता है। ये दो भाग हैं – उष्णकटिबंधीय घासभूमि एवं शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि
- उष्णकटिबंधीय घासभूमि का विस्तार दोनों गोलार्द्धों में 00 से 23-50 अक्षांशों के मध्य पाया जाता है। इस प्रकार की घासभूमि मुख्यतः अफ्रीका के साहेल क्षेत्र एवं पूर्वी अफ्रीका में पायी जाती है।
- सवाना एक प्रकार की उष्णकटिबंधीय घासभूमि ही है जिसका विस्तार मुख्यतः अफ्रीका के सूडान क्षेत्र में है।
- शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि का विस्तार दोनों गोलार्द्धों में 23-50 से 66-50 अक्षांशों के मध्य पाया जाता है।
- इस प्रकार की घासभूमि उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, अफ्रीका, यूरेशिया एवं ऑस्ट्रेलिया में पायी जाती है।
घास के मैदान
भूमध्य रेखीय और मानसूनी प्रदेशों से उत्तर या दक्षिण की ओर जाने पर वर्षा कम होती जाती है, वन भी कम घने पाए जाते हैं इन प्रदेशों में वर्षा कम मात्रा में होने के कारण यहां की मिट्टी की मिट्टी में नमी भी कम पायी जाती है अतः इन भागों में विस्तृत घास के मैदान पाए जाते हैं। ये घास के मैदान दो तरह के होते है।
घास के मैदान को दो वर्गों में बांटा गया है :-
- उष्णकटिबंधीय घास के मैदान
- शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान
उष्णकटिबंधीय घास के मैदान
उत्तरी गोलार्ध में 30° उत्तरी अक्षांश और दक्षिणी गोलार्ध में 30° दक्षिणी स्थान तक उष्णकटिबंधीय घास के मैदान पाए जाते हैं।
इसे अलग अलग देशो में अलग अलग नाम से जाना जाता है, जैसे – सवाना (अफ्रीका), कम्पोज (ब्राजील), लनोस (वेनेजुएला व कोलम्बिया)।
विश्व की उष्णकटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अविस्थिति
स्थानीय नाम | अवस्थिति |
सवाना | सूडान (अफ्रीका) |
कैम्पोस | ब्राजील |
सेराडो | ब्राजील |
लानोज | कोलम्बिया एवं वेनेजुएला |
साहेल (अकेसिया सवाना) | लाल सागर से लेकर अटलांटिक महासागर तक एक पट्टी के रूप में अफ्रीका महाद्वीप में विस्तारित। |
शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान
यह मैदान उन क्षेत्रों में पाए जाते हैं जो समुद्र से दूर स्थित हैं जहां वर्षा अधिक नहीं होती है।
इसे निम्न नाम से जाना जाता है – प्रेयरी (संयुक्त राज्य अमेरिका ) पम्पास (अर्जेंटीना), वेल्ड (दक्षिण अफ्रीका), डाउन्स (ऑस्ट्रेलिया), स्टेपी (एशिया, उक्रेन, रूस, चीन के मंचूरिया प्रदेश) |
विश्व की प्रमुख शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमि का स्थानीय नाम एवं अवस्थिति
स्थानीय नाम | अवस्थिति |
पम्पाज | अर्जेंटीना, उरुग्वे एवं ब्राजील |
वेल्ड | दक्षिण अफ्रीका |
कैण्टरबरी | न्यूजीलैण्ड |
डाउंस | ऑस्ट्रेलिया |
स्टेपी | पूर्वी यूरोप एवं मध्य एशिया |
प्रेयरीज | उत्तरी अमेरिका |
पुस्ताज | हंगरी |
प्रेयरी को रोटी का कटोरा कहते है गेहूं की सबसे ज्यादा खेती यही होती है।
विश्व के प्रमुख घास के मैदान कहा है :-
प्रेयरीज (Prairies) – उत्तरी अमेरिका
लानोज (llanos) – अमेजन नदी के उत्तरी ओरनीको बेसिन
कम्पास (Campos) – अमेजन नदी के दक्षिण भाग में ब्राजील
कटिंगा (Cutting) – ब्राजील के उष्ण कटिबंधीय वन
पार्कलैण्ड (Parkland) – अफ्रीका
पम्पास (Pampas) – द.अफ्रीका(अर्जेण्टीना के मैदानी भागों में)
वेल्ड (Veld) – द.अफ्रीका के भूमध्य सागरीय जलवायु में
डाउंस (Downs) – आस्ट्रेलिया(मरे-डार्लिंग बेसिन में)
स्टेपीज (Steppe) – यूरेशिया
घास के मैदानों में बदलाव
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ जर्नल में छपे नए अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन के चलते घास के मैदान और उनमें उगने वाली पौधों की प्रजातियों में परिवर्तन आ रहा है । जिसके चलते इन घास के मैदान की पहचान बदल रही है |
अध्ययन के अनुसार घास के मैदानों में आ रहे बदलावों के लिए जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और पर्यावरण में आ रहे परिवर्तन मूल रूप से जिम्मेदार पाए गए, जिनमें मुख्यत कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ता स्तर, तापमान में हो रही बढ़ोतरी, अतिरिक्त पोषक तत्व से हो रहा प्रदूषण और सूखा आदि कारक मुख्य रूप से जिम्मेदार थे।
शोधकर्ताओं ने देखा कि जलवायु परिवर्तन से जुड़े कारकों में से किसी भी एक के संपर्क में आने के 10 साल के बाद, इन घास के मैदान में उगने वाली पौधों की प्रजातियों में परिवर्तन आना शुरू हो गया।
बड़े पैमाने पर आ रहा है इन घास के मैदानों में बदलाव
विश्व के प्रमुख घास के मैदान सामान्यत :-
सामान्यत घास के यह मैदान, शुरुआती 10 वर्षों तक जलवायु में आ रहे परिवर्तनों को झेल लेते हैं, लेकिन लगातार एक दशक से भी अधिक समय तक जलवायु परिवर्तन को झेलने के बाद इनमें पायी जाने वाली पौधों की प्रजातियों में बदलाव आना शुरू हो गया।
10 वर्षों या उससे अधिक समय तक चलने वाले प्रयोगों में से आधे में पौधों की प्रजातियों की कुल संख्या में बदलाव पाया गया और लगभग तीन-चौथाई प्रजातियों की नस्ल में परिवर्तन देखा गया।
इसके विपरीत, 10 वर्षों से कम चलने वाले प्रयोगों में से केवल 20 फीसदी में ही किसी भी प्रकार का परिवर्तन पाया गया ।
वहीं वैश्विक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार तीन या उससे अधिक कारकों से प्रभावित घास के मैदानों में आ रहा परिवर्तन अधिक देखा गया।
इन मैदानों में पौधों की पुरानी नस्लों की जगह पर, पूरी तरह नयी प्रजातियां ने अपना वर्चस्व बना लिया था।
आखिर क्यों जरुरी है यह मैदान :-
दुनिया भर में घास के मैदानों को कई नामों से जाना जाता है। उत्तरी अमेरिका में जहां इन्हें अक्सर प्रेरीज कहा जाता है। वहीं दक्षिणी अमेरिका में पम्पास के नाम से जाना जाता है ।
मध्य यूरेशियन घास के मैदानों को स्टेपी कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया में डाउन्स, यूरेशिया (मुख्य रूप से रूस) में टैगा, अमेज़न घाटी में सेल्वास, जबकि अफ्रीकी घास के मैदानों को सवाना कहते हैं ।
और इन सभी में जो एक बात समान है वो है इनमे पायी जाने वाली घास, जो कि इनकी स्वाभाविक रूप से प्रमुख वनस्पति है।
मूलतः यह घास के मैदान वहां पाए जाते हैं जहां जंगल की वृद्धि के लिए पर्याप्त और नियमित वर्षा नहीं होती। हां, लेकिन बारिश इतनी कम भी नहीं होती कि जमीन रेगिस्तान में बदल जाए।
वास्तव में, अक्सर यह घास के मैदान जंगलों और रेगिस्तानों के बीच स्थित होते हैं। इस दृष्टिकोण से यह मरुस्थलीकरण को रोकने के लिए भी अहम् होते हैं|
हम इन्हे कैसे परिभाषित करते हैं, इसके आधार पर, यह घास के मैदान दुनिया के 20 से 40 प्रतिशत भूमि पर पाए जाते हैं। जो कि आम तौर पर खुले और सपाट होते हैं, और प्रायः अंटार्कटिका को छोड़कर दुनिया के हर महाद्वीप पर मौजूद हैं।
मवेशियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के अलावा, यह घास के मैदान अनेकों ऐसे जीवों का घर हैं जो इनको छोड़कर अन्य किसी और स्थान पर प्राकृतिक रूप से नहीं पाए जाते, जैसे कि उत्तरी अमेरिका के प्रेरीज में पाए जाने वाले बिसन और अफ्रीकी के सवाना में पाए जाने वाले जेबरा और जिराफ ।
इसके साथ ही यह घास के मैदान एक और विशिष्ट कारण से भी महत्वपूर्ण है, यह दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन के 30 फीसदी हिस्से को अवशोषित कर सकते हैं, जिसके कारण यह जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी अहम भूमिका निभा सकते है।
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महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न
- निम्नांकित में से कौन सुमेलित नहीं है?
अ. डाउन्स उष्णकटिबंधीय घास का मैदान
ब. स्टेपीज शीतोष्ण कटिबंधीय घास का मैदान
स. सेल्वा उष्ण कटिबंधीय वन
द. टैगा शीतोष्ण कटिबंधीय वन
उत्तर — अ
2. निम्नलिखित में से कौनसा घास का मैदान नहीं है?
अ. सेल्वास
ब. लानोज
स. स्टेपी
द. डाउन्स
उत्तर— अ
3. अर्जेण्टीना में निम्नलिखित में से कौनसे घास के मैदान पाए जाते हैं?
अ. वेल्ड
ब. लानोज
स. कैम्पाज
द. पम्पाज
उत्तर— द
4. वेल्ड किस प्रकार की घासों के अंतर्गत सम्मिलित की जाती है?
अ. शीतोष्ण
ब. टुण्ड्रा
स. अयनवर्ती
द. उष्णकटिबंधीय
उत्तर— अ
5. पम्पाज एवं स्टेपीज निम्नलिखित में से किस श्रेणी में आते हैं?
अ. मध्य अक्षांशीय घास के मैदान
ब. उच्च अक्षांशीय घास के मैदान
स. निम्न अक्षांशीय घास के मैदान
द. उष्ण कटिबंधी घास के मैदान
उत्तर— अ
6. भूमध्यरेखा के निकट किस प्रकार के बन पाए जाते हैं?
अ. पतझड़ी वन
ब. शंकुधारी वन
स. घास स्थल वन
द. उष्ण कटिबंधीय वन
उत्तर— द
महत्वपूर्ण प्रश्न – उत्तर
1. स्टेपी (Steppe) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है
उत्तर- यूरेशिया (यूरोप और एशिया के उत्तरी भाग में) ।
2. प्रेरीज (Prairies) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है ?
उत्तर- उत्तरी अमेरिका (संयुक्त राज्य अमेरिका एवं कनाडा में )
3. विश्व में गेहूँ की सर्वाधिक खेती किस घास के मैदान में होती है ?
उत्तर– प्रेरीज (Prairies) नामक घास के मैदान में
4. (संयुक्त राज्य अमेरिका किस क्षेत्र को “विश्व की रोटी की टोकरी” (Bread Basket of the World) कहा जाता है ?
उत्तर- उत्तरी अमेरिका के प्रेरीज घास के मैदान को ।।
5. पम्पास (Pampas) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है ?
उत्तर- दक्षिण अमेरिका में ।
6. वेल्ड (Veld) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है?
उत्तर- दक्षिण अफ्रीका ।
7. डाउन्स (Downs) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है?
उत्तर- ऑस्ट्रेलिया में ।
8. सेल्वास (Selvas) नामक विषुवतीय वन विश्व के किस भाग में पाया जाता है?
उत्तर- अमेजन घाटी में (दक्षिणी अमेरिका) ।।
9. सवाना (Savana) नामक घास का मैदान विश्व के किस भाग में पाया जाता है?
उत्तर- अफ्रीका तथा ऑस्ट्रेलिया में ।
10. ‘‘लैनॉस” नामक घास का मैदान विश्व के किस स्थान में पाया जाता हैं ।
उत्तर- वेनेज्वेला में ।
11. टैगा (Taiga) नामक वन विश्व के किस स्थान में पाया जाता है ?
उत्तर- यूरेशिया (यूरोप तथा एशिया) में, मुख्य रूप से रूस में ।
12. कनाड़ा के मध्य अक्षांशीय घास के मैदान कहलाते हैं?
उत्तर- प्रयरी
13. आस्ट्रेलिया में पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान को क्या कहा जाता है?
उत्तर- डाउन्स
14. उत्तरी अमेरिका तथा उत्तरी यूरेशिया के आर्कटिक वृत्त क्षेत्र में पड़ने वाले वृक्षविहीन घास के मैदान को क्या कहा जाता है?
उत्तर- स्टेपी
15. विश्व का प्राकृतिक प्रदेशों में बांटने का प्रथम प्रयास किसने किया?
उत्तर- हरबर्टसन
16. किस प्राकृतिक प्रदेश को ‘बड़े शिकारी का प्रदेश’ के नाम से जाना जाता है?
उत्तर- सवाना प्रदेश
प्रिय पाठको,
आप सभी को EGyany टीम का प्रयास पसंद आ रहा है। अपने Comments के माध्यम से आप सभी ने इसकी पुष्टि भी की है। इससे हमें बहुत ख़ुशी महसूस हो रही है। हमें आपकी सहायता की आवश्यकता है। हमारा EGyany नाम से फेसबुक Page भी है। आप हमारे Page पर सामान्य ज्ञान और समसामयिकी (Current Affairs) एवं अन्य विषयों पर post देख सकते हैं। हमारा आपसे निवेदन है कि आप हमारे EGyany Page को Like कर लें। और कृपया, नीचे दिए लिंक को लाइक करते हुए शेयर कर दीजिये। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
EGyany
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