भारत का संविधान
भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।
यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |
जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भीमराव आम्बेडकर को भारतीय संविधान का प्रधान वास्तुकार या निर्माता कहा जाता है।
भारत के संविधान का मूल आधार भारत सरकार अधिनियम १९३५ को माना जाता है।
भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतान्त्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।
“भारतीय संविधान नोट्स / Indian Constitution Notes in Hindi इस पोस्ट की PDF प्रति पोस्ट के अंत में उपलब्ध है।
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संविधान सभा
भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 को हुई थी। इसके तत्काल बाद देश दो भागों – भारत और पाकिस्तान में बंट गया था। संविधान सभा भी दो हिस्सो में बंट गई- भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा।
भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
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संक्षिप्त परिचय
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में भी केवल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियाँ हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियाँ थीं।
संविधान में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है।
केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्ट्रपति है।
भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय संसद की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद राज्यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है।
संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे परामर्श देने के लिए एक रूप होगा जिसका प्रमुख प्रधानमन्त्री होगा, राष्ट्रपति इस मन्त्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा।
भारतीय संविधान के भाग
भारतीय संविधान 22 भागों में विभजित है तथा इसमे 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियाँ हैं।
भाग | विषय | अनुच्छेद |
---|---|---|
भाग 1 | संघ और उसके क्षेत्र | (अनुच्छेद 1-4) |
भाग 2 | नागरिकता | (अनुच्छेद 5-11) |
भाग 3 | मूलभूत अधिकार | (अनुच्छेद 12 – 35) |
भाग 4 | राज्य के नीति निदेशक तत्त्व | (अनुच्छेद 36 – 51) |
भाग 4A | मूल कर्तव्य | (अनुच्छेद 51A) |
भाग 5 | संघ | (अनुच्छेद 52-151) |
भाग 6 | राज्य | (अनुच्छेद 152 -237) |
भाग 7 | संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरसित | (अनु़चछेद 238) |
भाग 8 | संघ राज्य क्षेत्र | (अनुच्छेद 239-242) |
भाग 9 | पंचायत | (अनुच्छेद 243- 243O) |
भाग 9A | नगरपालिकाएँ | (अनुच्छेद 243P – 243ZG) |
भाग 10 | अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र | (अनुच्छेद 244 – 244A) |
भाग 11 | संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध | (अनुच्छेद 245 – 263) |
भाग 12 | वित्त, सम्पत्ति, संविदाएँ और वाद | (अनुच्छेद 264 -300A) |
भाग 13 | भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर व्यापार, वाणिज्य और समागम | (अनुच्छेद 301 – 307) |
भाग 14 | संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ | (अनुच्छेद 308 -323) |
भाग 14A | अधिकरण | (अनुच्छेद 323A – 323B) |
भाग 15 | निर्वाचन | (अनुच्छेद 324 -329A) |
भाग 16 | कुछ वर्गों के लिए विशेष उपबन्ध सम्बन्ध | (अनुच्छेद 330- 342) |
भाग 17 | राजभाषा | (अनुच्छेद 343- 351) |
भाग 18 | आपात उपबन्ध | (अनुच्छेद 352 – 360) |
भाग 19 | प्रकीर्ण | (अनुच्छेद 361 -367) |
भाग 20 | संविधान के संशोधन | अनुच्छेद |
भाग 21 | अस्थाई संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध | (अनुच्छेद 369 – 392) |
भाग 22 | संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन | (अनुच्छेद 393 – 395) |
भारतीय संविधान का संक्षिप्त इतिहास
द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटेन ने भारत संबन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा भारत की संविधान सभा के निर्माण के लिए एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा जिसमें 3 मंत्री थे।
15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया।
संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।
इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बहस की। संविधान सभा में कुल 12 अधिवेशन किए तथा अंतिम दिन 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया और संविधान बनने में 166 दिन बैठक की गई इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी।
भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा के सभी 389 सदस्यो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, 26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने पारित कियाऔर इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
इस सविधान में सर्वाधिक प्रभाव भारत शासन अधिनियम 1935 का है। इस में लगभग 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिये गए हैं।
भारतीय संविधान नोट्स PDF में संविधान के संक्षिप्त नोट्स के द्वारा संविधान के विषय में समझने हेतु सहायता प्राप्त होगी, यही इस पोस्ट का उद्देश्य है।
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