Rajasthan History in Hindi
जब हम Rajasthan – राजस्थान की बात करते है तो हमारे दिमाग में क्या आता है? सुन्दर महल, ऊँट की राजसी सवारी और आकर्षक विरासत। प्राचीन वास्तुकला राजस्थान को निश्चित रूप से शाही बनाती है। तो आइये आज इसी समृद्ध राजस्थान के बारे में जानते है।
राजस्थान का इतिहास – Rajasthan History in Hindi
राज्य का नाम (State Name) | राजस्थान (Rajasthan) |
राजस्थान की राजधानी (Capital of Rajasthan) | जयपुर (Jaipur) |
राज्य निर्मिति का साल (Statehood) | ३० मार्च १९४९ (March 30′ 1949) |
राज्य की प्रमुख भाषाएँ (Languages of Rajasthan) | राजस्थानी, हिंदी, अंग्रेजी, सिंधी, मारवाड़ी, संस्कृत, उर्दू , पंजाबी, गुजराती |
क्षेत्रफल की दृष्टी से राज्य का देश में स्थान (Areawise State Rank in India) | प्रथम स्थान (1st) |
जनसँख्या के दृष्टी से राज्य का देश में स्थान (Populationwise State Rank in India) | सातवाँ ( 7th) |
राज्य की कुल जनसँख्या (Population of Rajasthan) | ६,८५,४८,४३७ (साल २०११ के जनगणना अनुसार) 6,85,48,437 |
राज्य का साक्षरता दर (Literacy Rate of State) | ६९.७० प्रतिशत (%) (69.70%) |
राज्य का प्रमुख जानवर (State Animal of Rajasthan) | ऊंट और चिंकारा हिरण |
प्रमुख पक्षी (State Bird of Rajasthan) | ग्रेट इंडियन बस्टर्ड/ गोदवन |
राज्य का प्रमुख पेड़ (वृक्ष) (State Tree of Rajasthan) | खेजरी/ग़ाफ़ वृक्ष |
प्रमुख पुष्प (State Flower of Rajasthan) | रोहिड़ा पुष्प |
राज्य का प्रमुख खेल (State Game of Rajasthan) | बास्केटबॉल |
राज्य के प्रमुख फल (State Fruit of Rajasthan) | खजूर, ब्लैकबेरी |
राजस्थान का पारंपरिक नृत्य (Folk Dance of Rajasthan) | घूमर |
राज्य अंतर्गत कुल जिलों की सँख्या (Number of States in Rajasthan ) | ३३ (Thirty Three) |
कुल तहसील की सँख्या | २४४ (साल २०११ के गणना अनुसार) 244 |
राज्य अंतर्गत कुल ग्रामीण विभागों की सँख्या (Villages in State) | ४४,७९५ (44,795) |
राज्य का सबसे बड़ा जिला (Largest District of Rajasthan) | जैसलमेर (Jaisalmer) |
राजस्थान में मौजूद कुल नगर परिषद् की सँख्या (Nagar Parishad Rajasthan) | ३४ (Thirty Four) 34 |
राजस्थान में मौजूद कुल ग्राम पंचायत की सँख्या (Total Panchayat in Rajasthan) | ९१७७ 9177 |
वित्तीय और राज्य निहाय राजस्थान की कोड सँख्या (State Code of Rajasthan) | ८ (Eight) 8 |
राजस्थान की जानकारी – Rajasthan Information in Hindi
राजस्थान भारत के उत्तर-पश्चिम में बसा हुआ राज्य है। राज्य में पर्यटकों का मुख्य आकर्षण विशाल थार रेगिस्तान और दुनिया की प्राचीनतम स्मारक रेंज, अरावली है। यहाँ के मंदिरों, किलो और महलों में दिखने वाली राजपुताना विरासत की स्थापना राजपूत राजा जैसे बाप्पा रावल, राणा कुम्भा, राणा सांगा और राणा प्रताप ने की है। इस राज्य का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है।
राजस्थान के इतिहास को तीन भागो में विभाजित किया जा सकता है – प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक। प्राचीन काल, 1200 AD तक : राजपूत वंश की उत्पत्ति हुई और 700 AD से ही वे राजस्थान के विविध भागो में रहने लगे थे। इससे पहले, राजस्थान बहुत से गणराज्यो का भाग रह चूका था। यह मौर्य साम्राज्य का भी भाग रह चूका था।
इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने वाले मुख्य गणराज्यो में मालवा, अर्जुन्या, योध्या, कुशान, सका सत्रप, गुप्ता और हंस शामिल थे। भारतीय इतिहास में राजपूतों का प्रभुत्व आठवी और बारहवी शताब्दी AD के समय देखा गया था। 750 से 1000 AD के समय में प्रतिहार ने राजस्थान और उत्तरी भारत के ज्यादातर क्षेत्र पर शासन किया था।
1000 से 1200 AD के बीच राजस्थान को चालुक्य, परमार और चौहान के बीच संघर्ष करना पड़ा।
मध्यकालीन समय, 1201-170:
इसवी सन 1200 AD में राजस्थान का कुछ भाग मुस्लिम शासको के कब्जे में आ गया था। उनकी शक्ति के केंद्रीय स्थानों में नागौर और अजमेर शामिल थे। रण थम्बोर भी अधीनता के तहत ही था। 13 वी शताब्दी AD के शुरू में, राजस्थान का सबसे मुख्य और शक्तिशाली राज्य, मेवाड़ था।
आधुनिक समय, 1707-1947:
मुग़ल सम्राट के कब्ज़ा करने से पहले राजस्थान कभी भी राजनितिक रूप से एकता के सूत्र में नही बंधा। मुग़ल सम्राट अकबर ने राजस्थान में एकीकृत सिद्धता का निर्माण करवाया। 1707 के बाद मुग़ल शक्तियां कम होने लगी और उनका प्रभाव भी कम होने लगा।
मुग़ल साम्राज्य के पतन होते ही मराठा साम्राज्य ने राजस्थान पर आँख जमा ली। 1755 में उन्होंने अजमेर पर कब्ज़ा कर लिया। इसके बाद 19 वी शताब्दी के शुरू में पिंडारी द्वारा हमला किया गया।
राजस्थान की भाषा – Rajasthan language
राजस्थानी राज्य की सर्वाधिक बोली जाने वाली और अधिकारिक भाषा है। साथ ही लोग हिंदी ,उर्दु , सिन्धी, पंजाबी, संस्कृत और गुजराती भाषा का भी उपयोग करते हैं।
राजस्थान राज्य के जिलों की सूची– List of Districts in Rajasthan State
यहाँ हम जानेंगे भारतीय राज्य राजस्थान में मौजूद कुल ३३ जिलों के बारे में, जिसे हमने सूचि अनुसार वर्गीकृत करके निचे दिया है।क्षेत्रफल के दृष्टी से राजस्थान का देश में अग्रक्रम लगता है, जिसका बड़ा क्षेत्र रेगिस्तान के रूप में फैला हुआ है। फिर भी इस राज्य के सुंदरता में कोई भी कमी दिखाई नहीं पड़ती, ऐसे ही कुछ जिलों पर हम नजर डालेंगे, जैसे के –
जिला | District |
अजमेर | Ajmer |
अलवर | Alwar |
बाड़मेर | Barmer |
बांसवाड़ा | Banswara |
बारां | Baran |
बीकानेर | Bikaner |
भीलवाड़ा | Bhilwara |
भरतपुर | Bharatpur |
बूँदी | Bundi |
चित्तौडग़ढ़ | Chittorgarh |
चूरू | Churu |
दौसा | Dausa |
डूंगरपुर | Dungarpur |
धौलपुर | Dhaulpur |
हनुमानगढ़ | Hanumangarh |
जालौर | Jalaur |
जयपुर | Jaipur |
जैसलमेर | Jaisalmer |
झालावाड़ | Jhalawar |
जोधपुर | Jodhpur |
झुंझुनू | Jhunjhunu |
करौली | Karauli |
कोटा | Kota |
प्रतापगढ़ | Pratapgarh |
पाली | Pali |
नागौर | Nagaur |
सवाई माधोपुर | Sawai Madhopur |
राजसमंद | Rajsamand |
सिरोही | Sirohi |
सीकर | Sikar |
टोंक | Tonk |
श्री गंगानगर | Shri Ganganagar |
उदयपुर | Udaipur |
राजस्थान राज्य की संस्कृति और परंपरा – Culture And Tradition of Rajasthan
प्राचीन काल से भारतीय राज्य राजस्थान को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक तथा कलात्मक विरासत मिली हुई है,जिसमे यहाँ के महान राजाओ का अद्भुत गौरवशाली इतिहास देश दुनिया पर अपनी अलग पहचान स्थापित कर चूका है। राजस्थान राज्य में मारवाडी, सिंधी, राजपूत, गुजराती, बंजारा जीवनशैली का अद्भुत संगम देखने को मिलता है, जिसमे गुर्जर और बंजारा समुदाय के लोगो भी कई सालो से यहाँ रह रहे है
राज्य में आपको हिन्दू, मुस्लिम, जैन, सिख, ईसाई इत्यादि धर्मो के लोगो का प्रमुखता से अधिवास है, जिसके वजह से इन सभी धर्मो से जुड़े सालभर में आनेवाले त्यौहार राज्य में मनाये जाते है। प्राचीन भारतीय सिंधु सभ्यता से जुड़े पुरातत्व अवशेष भी यहाँ मौजूद कालीबंगन नामक जगह पर प्राप्त हुए है इससे साफ जाहिर होता है के एक समृध्द जीवनशैली प्राचीन राजस्थान में मौजूद थी।
राजस्थानी भाषा का राज्य अंतर्गत सबसे अधिक बोली चाली में प्रयोग किया जाता है, इसके अलावा सिंधी, गुजराती, मारवाड़ी, उर्दू, अंग्रेजी इत्यादि भाषा भी उपयोग में लाई जाती है। राजस्थान राज्य को समृध्द बनाने में राणा संगा, पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, गुर्जर, प्रतिहार वंशो के राजाओ का अनमोल योगदान है, मूल रूप से राजपूत, गुर्जर, मारवाड़ी, सिंधी इत्यादि लोग राजस्थान से जुड़े होने के पुख्ता सबूत ऐतिहासिक दस्तवेजो से प्राप्त हुए है।
हिन्दू धर्म में मौजूद शैव, वैष्णव, शाक्त, नाथ संप्रदाय के लोग आदि काल से राज्य अंतर्गत मौजूद है, इसके अलावा मुस्लिम धर्म के प्रसिध्द संत मोईनुद्दीन चिश्ती का भी राजस्थान में अधिवास था जिनका प्रसिध्द दरगाह अजमेर शरीफ नामसे अजमेर शहर में मौजूद है।
राजस्थानी कला को देश दुनिया में काफी ज्यादा सराहा जाता है, जिसमे लकड़ी पर कारागिरी , संगमरमर पत्थर कारागिरी, चित्रकला, रेत पर कारागिरी, हस्तकला इत्यादि शामिल है।राज्य में बंजारा, गुर्जर, राजपूत सभ्यताओं और मान्यताओं का अधिक प्रभाव देखने को मिलता है, जिसमे मौजूदा जीवनशैली में आपको आधुनिकता और पारंपारिक भारतीय संस्कृति के मेल जोल के विलोभनीय दर्शन देखने को मिलते है।
‘घूमर’ नृत्य राज्य का पारंपारिक नृत्य प्रकार है, इसके साथ राजाओ का स्थान के नामसे सूचक राजस्थान ऐसा राज्य का नामकरण हुआ है, इसकी झलक आपको राज्य में मौजूद सुंदर राजमहल, किले, बाग-बगीचे, तालाब इत्यादि तौर पर देखने को मिल जाती है।
राजस्थान की कला संस्कृति – Art Culture of Rajasthan State
प्राचीन और मध्ययुगीन भारत के इतिहास में आपको विभिन्न वास्तुकला और चित्रकला के अविष्कार देखने को मिलते है जिसमे से आग्रा शहर के खूबसूरत ताजमहल के निर्मिति का संबंध भी राजस्थान के कारागिरी से जुड़ा हुआ है।
ताजमहल के निर्मिति में उपयोग में लाया गया संगमरमर अधिक मात्रा में राजस्थान से ही लाया गया था, इसके साथ यहाँ के करागिरो की सँख्या भी इस भव्य वास्तु को बनाने में अधिक थी।
राजस्थान भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ लगभग सभी क्षेत्र से जुड़े करागिर मौजूद है, जिसमे भवन निर्माण, पत्थर पर सुंदर नकाशी निर्माण, चित्रकला, लकड़ी पर नकाशी का निर्माण,लोह उद्योग से जुड़े सामग्री का निर्माण, स्मारक स्थल निर्माण, कपड़ो पर हस्तकला और डिजाइन निर्माण, बुनाई, सूत कताई, रेत कला, प्लैस्टर और पैरिस से इंटेरिअर डिज़ाइन तक शामिल है।
राज्य में मौजूद ऐतिहासिक किले, महल, भवन, नगर रचना, तालाब, धार्मिक स्थल, शिल्प वास्तुए हर जगह आपको बेजोड़ कारागिरी के दर्शन होते है, इस वजह से भी इस राज्य के पर्यटन में विगत कई दशकों से बड़ी मात्रा में वृद्धि हुई है, जहा सालाना लाखो की सँख्या में देश विदेश से लोग घूमने आते है।
राजस्थान की नृत्यकला और संगीत – Music and Folk Dance in Rajasthan.
जितनी प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति है उतनी ही विविधताएँ हमें देश अंतर्गत विभिन्न राज्यों में देखने को मिलती है, और हर राज्य अपनी खुदकी अलग और विशिष्ट कला संस्कृति सहेज कर रखे हुए है। राजस्थान राज्य का संगीत और नृत्य काफी मनोहारी और आकर्षक है जिसपर यहाँ के मूल निवासी लोगो के सभ्यता और मान्यताओं का अधिक प्रभाव देखने को मिलता है।
शास्त्रीय संगीत के साथ पारंपारिक गीत संगीत में पनिहारी, बंजारा गीत, भजन गीत, कीर्तन सुमिरन गीत, लोकगीत, ठुमरी, दादरा, कजरी, सूफी संगीत, बोरगीत, श्याम संगीत आदि का अधिक प्रचलन देखने को मिलता है जिसमे यहाँ का बीकानेरी घराना मशहूर है।
मेहला नामक शास्त्रीय संगीत यहाँ के राजमहलों में पूर्व काल से पसंद किया जाता है और इसका विस्तार राज्य अंतर्गत बड़े पैमाने पे हुआ है, राजस्थान का संगीत सबसे विशिष्ट और सुनकर मन प्रसन्न करनेवाला होता है जिसमे वर्षाकाल में मानो इस नृत्य पर स्वयं मोर नृत्य कर रहा हो ऐसा मन के नृत्य करने का आभास होता है।
बात करे यहाँ के नृत्य की तो घूमर नृत्य यहाँ का प्रसिध्द पारंपारिक नृत्य प्रकार है इसके अलावा कालबेलिया , डांडिया, चरी, चंग, गेर, पनिहारी, गींदड़, बमरसिया, तेराताली, भवई, कच्छी घोड़ी ढोल नृत्य, घुड़ला नृत्य, कठपुतली, लूर आदि नृत्य प्रकार भी प्रमुखता से शामिल है।
राजस्थान का भोजन प्रकार – Staple Food in Rajasthan State.
भारतीय राज्य मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की तरह राजस्थान राज्य का भोजन प्रकार भी काफी लज्जतदार और स्वादिष्ट माना जाता है, जिसमे आपको ढेर सारे व्यंजन देखने को मिलते है। यहाँ के रोज मर्रा के भोजन में आपको कमसे कम चार से पाँच व्यंजन आम तौर पर देखने को मिलेंगे जिसमे छाँछ के बगैर मानो राजस्थानी भोजन अधूरा होता है।
ऐसेही कुछ प्रमुख शाकाहारी और माँसाहार से जुड़े व्यंजनों का ब्यौरा हम निचे दे रहे है, जिसको पढ़ने के बाद शायद आपके भी मुँह में पानी आ जायेगा।इनमे शामिल व्यंजन है जैसे के –
- गट्टे
- प्याज की कचौड़ी
- कलाकंद
- मोहन माँस
- मिर्ची बड़ा
- मावा कचौड़ी
- लाल माँस
- मोहन थाल
- दाल बाटी चूरमा
- जलजीरा
- कढ़ी
- मसाला छाँछ
- घेवर
- बाजरा की राब
- मूँग दाल का हलवा
- कचरी, इमली, टमाटर, लहसुन के मिश्रण की चटनी
- मालपुआ
- लहसुन चटनी के साथ बाजरा रोटी
- बालूशाही
- चूरमा लड्डू
- बूँदी रायता
- केर सांगरी
- आम की लुंजी
- बादाम का हलवा
- गुजिया
- मेथी बाजरा पूरी
- कलमी वड़ा
- दूधिया खींच (रबडी जैसा व्यंजन)
राजस्थान के लोगो की प्रमुख वेशभूषा – Dress/Costume of Rajasthan State People
राजस्थान के लोगो की वेशभूषा काफी रंगबिरंगी दिखाई पड़ती है जिसमे यहाँ के महिलाओ की परंपरागत वेशभूषा मुख्यतः इस प्रकार की होती है, जिसमे घागरा, चोली, ओढ़नी इत्यादि शामिल है।
इसके अलावा साड़ी पहनने का प्रचलन भी यहाँ के महिलाओ में आम तौर पर दिखाई देता है, सुंदर वस्त्रो के साथ विभिन्न परंपरागत आभूषण भी यहाँ के बंजारा समुदाय के महिलाओ द्वारा पहने जाते है जिसमे नेकलेस, जाडु सेट, आड़, रानीहार, कानबाली, नथनी, बाजुबंध, रखड़ी(माँग का टिका), तगड़ी (नाभि पे पहनी जानेवाली चेन), पायल, बिछुवा,चूड़ियाँ इत्यादि पहना जाता है।
बात करे पुरुषो के परिधान की तो इसमें प्रमुखता से धोती और अंगरखा या फिर कुर्ता और पायजामा पहनने का चलन अधिक मात्रा में पाया जाता है, इसके अलावा सिर पर पगड़ी पहनने यहाँ मनो आम सी बात है मतलब राजस्थानी पुरुषो में पगड़ी पहनना सम्मान और परंपरा का प्रतिक होता है।
यहाँ के पुरुषो में कानो में बाली पहनने का प्रचलन अधिक है, यु माने के ये इस राज्य के पुरुषो की खास पहचान है।आधुनिकता के इस युग में आजकल शर्ट, टी शर्ट के साथ साधा पैंट तथा जींस पैंट पहनने का प्रचलन भी शहरी विभागों में अधिक तौर पर हुआ है।
राजस्थान राज्य के अंतर्गत बहनेवाली प्रमुख नदियाँ – Rivers In Rajasthan State
देश में सबसे बड़े राज्य के तौर पर फैले हुए राज्य राजस्थान में कुछ प्रमुख नदियाँ बहती है जिनकी लंबाई में भलेही अंतर हो पर इनके बलबूते राज्य में कृषि, अन्य व्यवसाय तथा भौतिक गतिविधियों में काफी ज्यादा बदलाव हुए है, तथा राज्य के विकास में इन नदियों का योगदान मिल का पत्थर साबित हुआ है।ऐसेही कुछ नदियों पर हम यहाँ नजर डालेंगे, जिनमे शामिल नदियाँ है जैसे के –
- साबरमती
- बनस
- लूनी
- काली सिंध
- घग्गर
- माही
- बानगंगा
- जवाई
- चंबल
- सुकरी
- कोठरी
- कलसिल
- पश्चिमी बनस
- पारबती
- काटली
- बंदी
- साहिबी
- गोमती
- मेज
- खारी
- अहार
- गंभीर
- वर्तक
- द्रव्यवती
- दोहन
राजस्थान राज्य की जानीमानी हस्तियाँ – Famous Personalities of Rajasthan
यहाँ हम आपका परिचय कराएँगे उन जानेमाने लोगो से जो के मूलतः राजस्थान राज्य से ही आते है, शायद आपने उनके बारे में पढ़ा होगा या उन्हें कही देखा होगा पर आपको उनका जन्मस्थान पता नहीं होगा। इस जानकारी द्वारा आपको इसका पता चल जायेगा, के वो कौनसे व्यक्तित्व है जो राजस्थान से है, जिसका ब्यौरा निम्नलिखित तौर पर है, जैसे के –
- प्रसिध्द गायक जगजीत सिंह
- संत कवयित्री मीराबाई
- निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौर
- प्रसिध्द दिवंगत अभिनेता इरफ़ान खान
- महान राजा और मेवाड़ संरक्षक महाराणा प्रताप
- रानी जोधाबाई
- रानी पद्मावती
- थाली फेक खिलाडी कृष्णा पुनिया
- शास्त्रीय संगीत कलाकार विश्व मोहन भट्ट
- महान शासक राणा संगा
- व्यावसायिक जमनलाल बजाज
- स्टील उद्योग के व्यवसायी लक्ष्मी मित्तल
- व्यावसायिक मोतीलाल ओसवाल
- जानकारी तकनीकी विशेषज्ञ डी पी शर्मा
- प्रसिध्द गायिका इला अरुण
- प्रसिध्द गझल गायक मेहदी हसन
- फिल्म निर्माता ताराचन्द बड़जात्या
- गीतकार हसरत जयपुरी
- फिल्म कलाकार असरानी
- अभिनेत्री साक्षी तन्वर
- भारतीय क्रिकेट नियामक बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राज सिंह डुंगरपुर
- भारतीय स्वतंत्रता सेनानी हनुमान प्रसाद पोद्दार
- आई सी आई सी आई बैंक की पूर्व अध्यक्ष चंदा कोचर
- पूर्व भारतीय उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत
- पूर्व क्रिकेटर सलीम दुर्रानी
राजस्थान राज्य के प्रसिध्द पर्यटन स्थल – Famous Tourism Places in Rajasthan State.
भारत में पर्यटन की दृष्टी से राजस्थान राज्य प्रमुख राज्यों में से एक माना जाता है, जिसके सालाना आय के स्त्रोतों में पर्यटन से आनेवाला मुनाफा काफी ज्यादा होता है। इसकी प्रमुख वजह है यहाँ के सुंदर वास्तु, भवन, महल तथा प्राकृतिक सुंदर स्थल, ऐसेही कुछ प्रमुख स्थलों का विवरण हम यहाँ निचे दे रहे है, जिनमे शामिल स्थल इस प्रकार से है –
- हवा महल
- सिटी पैलेस जयपुर
- जल महल
- फ़तेह सागर लेक
- चित्तौरगढ़ किला
- अंबर पैलेस
- मेहरानगढ़ म्यूजियम और ट्रस्ट
- सिटी पैलेस उदयपुर
- पिचोला लेक
- जंतर मंतर
- उमेद भवन पैलेस
- कुंभलगढ़ किला
- जैसलमेर किला
- नाहरगढ़ किला
- जयगढ़ किला
- रामबाग पैलेस
- जसवंत थड़ा
- सज्जनगढ़ मानसून पैलेस
- रणथम्बोर किला
- अल्बर्ट हॉल म्यूजियम
- जूनागढ़ किला
- पुष्कर लेक
- सहेलियों की बारी
- गड़ीसर लेक
- डेजर्ट नॅशनल पार्क
- आनासागर लेक
- विजय स्तंभ चित्तौरगढ़
- गुरु शिखर
- ढेबर लेक
- अचलगढ़ किला
- घंटा घर
- मन सागर लेक
- माउंट अबू
- मंडोर गार्डन
- भारतीय लोक कला मंडल
- खिमसर किला
राजस्थान राज्य में पवित्र धार्मिक स्थल – Holy Religious Places in Rajasthan State.
जिस तरह से राजस्थान राज्य पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिध्द है वैसे ही यहाँ के कुछ पवित्र धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ साल भर लगी रहती है, जिनका धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकास हुआ है।
अधिकतर धार्मिक स्थलों में आपको यहाँ अद्भुत कलाशैली देखने को मिलेगी साथमे इनकी आध्यात्मिक विशेषता और सुंदरता भी उतना ही महत्व रखती है। ऐसेही कुछ धार्मिक स्थलों का विवरण निम्नलिखित तौर पर है जैसे के –
- करनी माता मंदिर
- अजमेर शरीफ दरगाह
- दिलवाड़ा जैन मंदिर
- सालासार बालाजी हनुमान मंदिर
- ब्रम्हा मंदिर – पुष्कर
- खाटू श्याम मंदिर
- चौथ माता का मंदिर
- ओसियन माता मंदिर
- श्री राणीसती धाम मंदिर
- लक्ष्मण मंदिर
- सावित्री माता मंदिर
- सहस्त्रबाहु मंदिर
- तनोट माता मंदिर
- जगदीश मंदिर
- रंकापुर जैन मंदिर
- गलता जी
- श्रीनाथजी मंदिर
- बिरला मंदिर
- त्रिनेत्र गणेश मंदिर
- दिगंबर जैन मंदिर
- ढाई दिन का झोपड़ा
- सेठ भांडसार जैन मंदिर
- बिसाल देव मंदिर
- बोहरा गणेश जी मंदिर
- नक्काश की देवी गोमती धाम
- जगत शिरोमणी मंदिर
- तारकेश्वर नाथ मंदिर
राजस्थान के प्रमुख महोत्सव – Festivals in Rajasthan
सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पारंपारिक दृष्टी से राजस्थान राज्य काफी विकसित है, जहाँ सालभर विभिन्न महोत्सव मनाये जाते है।राज्य की जीवनशैली काफी खुशहाल और ख़ुशी के अनेक रंग बिखेरती नजर आती है, जिसमे यहाँ के महोत्सव महत्वपूर्ण योगदान निभाते है। ऐसेही कुछ प्रमुख महोत्सव पर हम यहाँ नजर डालेंगे जैसे के –
- पुष्कर कैमल फेस्टिवल (यह महोत्सव राज्य का खास आकर्षण होता है, जहाँ ऊँटो का मेला आयोजित किया जाता है और इसके द्वारा ऊँटो की खरीदी -बिक्री की जाती है)
- जयपुर साहित्य महोत्सव
- आंतरराष्ट्रीय पतंगबाजी महोत्सव
- हाथी मेला
- ब्रिज होली
- उर्स महोत्सव (ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह अजमेर शरीफ में यह उत्सव मनाया जाता है।)
- कोलायत मेला(कपिल मुनि के स्मरण में यह महोत्सव मनाया जाता है।)
- राजस्थान का आंतरराष्ट्रिय स्तर पर आयोजित होनेवाला पारंपारिक महोत्सव
- मेवाड़ महोत्सव
- मत्स्य उत्सव
- रेगिस्तान महोत्सव
- नागौर पशु मेला
- बाणेश्वर महोत्सव(राज्य के जनजातियों का प्रमुख उत्सव)
- रामदेवरा महोत्सव
- अश्व पूजन
- गणगौर उत्सव
- कबीर यात्रा महोत्सव
- कोटा साहसिक कार्य महोत्सव
- बूँदी महोत्सव
- महाशिवरात्री
- तीज
- कुम्भलगढ महोत्सव
- चंद्रभागा महोत्सव
- दीपावली
- गोगाजी
- होली
- श्री देवनारायण जयंती
- जन्माष्टमी
राजस्थान राज्य के ऐतिहासिक स्थल – Historical Places In Rajasthan
- रणथंभौर किला
- मूसी महारानी की छत्री
- जयपुर शहर का महल
- जूनागढ़ किला
- गागरोन किला
- आभानेरी ऐतिहासिक स्थल
- कालीबंगन
- चाँद बाउरी स्टेप वाल
- खेत्री महल
- विजय स्तंभ
- प्राचीन म्यूजियम
- भगड़ावत की बावड़ी
राजस्थान राज्य के प्रमुख शिक्षा संस्थान/यूनिवर्सिटी – Educational Institutions/Universities in Rajasthan State.
- निम्स युनिवर्सिटी – जयपुर (NIMS University)
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ राजस्थान
- जयपुर नॅशनल यूनिवर्सिटी
- बनस्थली यूनिवर्सिटी
- मणिपाल यूनिवर्सिटी
- राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी
- नॅशनल लॉ यूनिवर्सिटी
- विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी
- सिंघानिया यूनिवर्सिटी
- मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी
- पूर्णिमा यूनिवर्सिटी
- मेवाड़ यूनिवर्सिटी
- जयोती विद्यापीठ वुमेन्स यूनिवर्सिटी
- महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी
- जय नरेन व्यास यूनिवर्सिटी
- महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी
- महात्मा ज्योति राव फुले यूनिवर्सिटी
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ़ राजस्थान
- राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ़ हेल्थ साइंस
- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जोधपुर (IIT Jodhpur)
- ताँतिया यूनिवर्सिटी
- वर्धमान महावीर मुक्त शिक्षा यूनिवर्सिटी
- स्वामी केशवानंद राजस्थान एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
- सनराइज यूनिवर्सिटी
- श्रीधर यूनिवर्सिटी – पिलानी
इस विषय पर अधिकतर बार पूछे गए सवाल – Quiz on Rajasthan.
- भारतीय राज्य राजस्थान के इतिहास की जानकारी हमें कौनसे किताबों से प्राप्त होती है? (Rajasthan State History books) जवाब: अ हिस्ट्री ऑफ़ राजस्थान, राजस्थान, कन्साइज हिस्ट्री ऑफ़ मॉडर्न राजस्थान, राजस्थान – एन ओरल हिस्ट्री, कोर्ट पेंटिंग इन राजस्थान, अर्ली चौहान डायनेस्टी, जियोग्राफी ऑफ़ राजस्थान, टोड्स एनल्स ऑफ़ राजस्थान, स्कलप्चरल ट्रेडिशन ऑफ़ राजस्थान।
- पर्यटन के हेतू राजस्थान राज्य में घूमने जाने के लिए कौनसा समय सबसे उचित होता है? (Best time to visit Rajasthan state) जवाब: अक्टूबर माह से लेकर मार्च माह तक का समय।
- राजस्थान राज्य के अंतर्गत घरो की बनावट में दिवार की मोटाई ज्यादा तथा छत अधिकतर समतल क्यों होती है? (why houses in rajasthan have thick walls and flat roofs?) जवाब: राजस्थान राज्य में अधिक मात्रा में धुप होती है जिसके कारण घरो में गरमाहट ज्यादा महसूस होती है,इसके लिए इस तरह की अधिक मात्रा की गर्मी से बचने हेतु घर बनाते समय उसकी दिवार की मोटाई ज्यादा बनाई जाती है।इसके अलावा छतो का निर्माण समतल होने की प्रमुख वजह ये है के बरसात के मौसम में ज्यादा पानी का संचय हो सके क्योंकि राजस्थान में बरसात के मौसम में बहुत कम बारिश होती है जिसके वजह से पानी को संचय कर बचाने के अधिक प्रयास किये जाते है।
- राजस्थान राज्य में कौनसे प्रमुख वन्यजीव अभयारण मौजूद है? (Wild life sanctuaries in Rajasthan state) जवाब: तोड़गढ़ -राओली अभयारण, गजनेर अभयारण, माउंट अबू अभयारण, रामगढ-विशधारी अभयारण, कैलादेवी अभयारण, सोरसन अभयारण, बस्सी अभयारण, रामसागर अभयारण, रानीसर पक्षी अभयारण, ताल चप्पर अभयारण।
- भारतीय राज्य राजस्थान में कौनसे बाँध मौजूद है? (Dams in Rajasthan State) जवाब: अकलेरा सागर, अलनीया, अंगोर, अमली खेड़ा, अनवासा, बाबरा, अटवारा, बनकली, बनाकिया, बड़गाव, बजरंग गढ़, बेरखेरी, बस्सी, भगोरा, भागवतगढ़, भामरी टंडी, भाटिया, भीमसागर, बिलास, भुला इत्यादि।
- राजस्थान राज्य में कौनसे हवाई अड्डे मौजूद है? (Airports in Rajasthan State) जवाब: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कोटा एयरपोर्ट, महाराणा प्रताप एयरपोर्ट, जैसलमेर एयरपोर्ट, किशनगढ़ एयरपोर्ट, भरतपुर एयरपोर्ट, सिविल एयरपोर्ट, नागौर एयरपोर्ट इत्यादि।
- राजस्थान राज्य जे प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे? (First Chief Minister of Rajasthan State) जवाब: हिरालाल शास्त्री।
- भारत के राज्य राजस्थान में क्या कोई समुद्री तट मौजूद है? (Is there any beach in Rajasthan State?) जवाब: नहीं।
- भारत में पंचायत राज की शुरुवात सबसे पहले किस राज्य में और कौनसे स्थान पर हुई थी? (In which state Panchayat Raj system was first started in India? What was the location?) जवाब: नागौर (राजस्थान) में सबसे पहले पंचायत राज की शुरुवात हुई थी।