उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ | Tribes of Uttar Pradesh
Tribes of Uttar Pradesh – उत्तर प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ निम्न प्रकार हैं:
उत्तर प्रदेश की प्रमुख अनुसूचित जनजातियाँ बुक्सा, थारू, राजी, जौनसारी, खरवार , महिगीर, गोंड, राजगोंड, सहरिया, पहरिया, बैगा, पांखा, ओझा, धुरिया, नायक, पथारी, अगरिया, पटारी, चेरो, भुइया आदि है|
Table of Contents
1 थारू जनजाति (Tharu Tribes)
2 बुक्सा जनजाति (Buksa Tribe)
3 जौनसारी जनजाति
4 माहीगीर जनजाति (Mahigeer Tribal)
5 खरवार जनजाति (Kharwar Tribe)
6 उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली आदिवासी जनजातियों की तालिका
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थारू जनजाति (Tharu Tribes)
- थारू जनजाति उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एवं तराई क्षेत्र में निवास करती है।
- ये किरात वंश (Kirat Dynasty) के हैं तथा कई उपजातियों में विभाजित हैं।
- कुछ विद्वानों के विचार से ‘थार’ का तात्पर्य है ‘मदिरा’ और ‘थारू’ का अर्थ ‘मदिरापान करने वाला’। चूंकि ये मदिरा का सेवन पानी की तरह करते हैं, अतः थारू कहलाते हैं।
- कुछ विद्वानों का कहना है कि थारू जाति के लोग राजपूताना के ‘थार मरुस्थल से आकर यहाँ बसे हैं’ अतः थारू कहलाते हैं।
- थारू जाति के लोग कद में छोटे, चौडी मुखाकृति और पीले रंग के होते हैं। पुरुषों से स्त्रियाँ कहीं अधिक आकर्षक और सुन्दर होती हैं।
- थारू पुरुष लंगोटी की भाँति धोती लपेटते हैं और बड़ी चोटी रखते हैं, जो हिन्दुत्व का प्रतीक है।
- थारू स्त्रियाँ रंगीन लहँगा, ओढ़नी, चोली और बूटेदार कुर्ता पहनती हैं।
- थारू जाति के लोग अपना घर मिट्टी और ईंटों का नहीं बनाते हैं। इनके मकान लकड़ी के लट्ठों और नरकुलों के द्वारा बनाये जाते हैं।
- थारूओं का भोजन मुख्य रूप से चावल है। मछली, दाल, गाय-भैंस का दूध, दही तथा जंगल से आखेट किये जन्तुओं का माँस भी खाते हैं। ये सूअर और मुर्गी पालते हैं और उनका माँस व अण्डे भी प्रयोग करते हैं।
- थारुओ द्वारा बजहर नामक त्यौहार मनाया जाता है दीपावली को ये शोक पर्व के रूप में मनाते है , थारू जनजाति द्वारा होली के मौके पर खिचड़ी नृत्य किया जाता है
- थारू जनजाती के लोगो में बदला विवाह प्रथा तथा तीन टिकठी विवाह प्रथा प्रचलित है , थारुओ में दोनों पक्षो से विवाह तय हो जाने को पक्की पोड़ी कहा जाता है
- उत्तर प्रदेश में 2 अक्टूबर 1980 को थारू विकास परियोजना का प्रारंभ किया गया
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बुक्सा जनजाति (Buksa Tribe)
- बुक्सा अथवा भोक्सा जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में छोटी-छोटी ग्रामीण बस्तियों में निवास करती है।
- बुक्सा जनजाति के लोगों का कद और आँखें छोटी होती हैं। उनकी पलकें भारी, चेहरा चौड़ा एवं नाक चपटी होती है। कुल मिलाकर इनका सम्पूर्ण चेहरा ही चौड़ा दिखाई देता है। जबड़े मोटे और निकले हुए तथा दाढ़ी और मूंछे धनी और बड़ी होती हैं।
- बुक्सा लोग प्रमुख रूप से हिन्दी भाषा बोलते हैं। इनमें जो लोग लिखना-पढ़ना जानते हैं वे देवनागरी लिपि का प्रयोग करते हैं।
- इनका मुख्य भोजन मछली व चावल है। इसके अलावा ये लोग मक्का व गेहूँ की रोटी और दूध-दही का प्रयोग करते हैं। इन लोगों में बन्दर, गाय और मोर का माँस खाना वर्जित होता हैं।
- बुक्सा पुरुषों की वेशभूषा में धोती, कुर्ता, सदरी और सिर पर पगड़ी धारण करते हैं। नगरों में रहने वाले पुरुष गाँधी टोपी, कोट, ढीली पेन्ट और चमड़े के जूते, चप्पल आदि पहनते हैं। स्त्रियाँ पहले गहरे लाल, नीले या काले रंग की छींट का ढीला लहंगा पहनती थीं और चोली (अंगिया) के साथ ओढ़नी (चुनरी) सिर पर पहनती थीं, लेकिन अब स्त्रियों में साड़ी, ब्लाउज, स्वेटर एवं कार्कीगन का प्रचलन सामान्य हो गया है।
- उत्तर प्रदेश में बुक्सा जनजाति विकास परियोजना 1983-84 में प्रारंभ की गयी
जौनसारी जनजाति
- जौनसारी समुदाय के मुख्य त्यौहार बिस्सू (बैसाखी) , पंचाई (दशहरा), दियाई (दिवाली), नुणाई , अठोई आदि है ये दीपावली को एक माह बाद मनाते है
- हारुल, रासों, घुमसू , झेला, धीई, तांदी, मरोज , पौणाई आदि इनके प्रमुख्य नृत्य है
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माहीगीर जनजाति (Mahigeer Tribal)
- माहीगीर आदिवासी उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नजीबाबाद क्षेत्र में निवास करते हैं।
- माहीगीर जनजाति मछुआरे हैं तथा उन्हीं से अपना सम्बन्ध बताते हैं।
- इस जनजाति के लोगों ने इस्लाम धर्म को अपना लिया है।
- माहीगीर जनजाति अपने ही समुदाय में विवाह करती है।
- इस जनजाति का मख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है।
- इस जनजाति में शिक्षा का काफी अभाव है।
खरवार जनजाति (Kharwar Tribe)
- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में खरवार जनजाति निवास करती है। इनका मूल क्षेत्र बिहार का पलामू और अठारह हजारी क्षेत्र है।
- खरवार जाति के लोग साधारणतः टेहुन तक धोती, बंडी एवं सिर पर पगड़ी पहनते हैं तथा स्त्रियाँ साड़ी पहनती हैं। इनके आभूषणों में हैकल, हँसुली, बाजूबन्द, कड़ा, नथिनी, बरेखा, गुरिया या नँगा की माला आदि मुख्य हैं।
- खरवार जनजाति मुख्यतः हिन्दू धर्म के रीति रिवाजों का पालन करती है।
- खरवार जनजाति के लोग माँसाहारी और शाकाहारी दोनों प्रकार के होते हैं।
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उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली आदिवासी जनजातियों की तालिका
अंग्रेज़ी | हिंदी | अधिवास |
BHOTIYA | भोटिया | |
BUKSA | बुक्सा | बिजनौर जनपद में। |
JAUNSARI | जौनसारी | |
RAJI | राजी | |
THARU | थारू | महाराजगंज, सिद्धार्थ नगर, श्रीवस्ती, बहराइच एवं लखीमपुर खीरी, गोरखपुर जनपदों में। |
GOND | गोंड | वाराणसी, मीरजापुर, सोनभद्र, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोरखपुर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर जनपदों में। |
KHARWAR, KHAIRWAR | खारवाड़, खैरवाड़ | वाराणसी, देवरिया, बलिया, गाजीपुर, और सोनभद्र जनपदों में। |
PARAHIYA | पहरिया | सोनभद्र जनपद में। |
BAIGA | बैगा | सोनभद्र जनपद में। |
PANKHA, PANIKA | पंखा, पानिका | सोनभद्र और मिर्जापुर जनपदों में। |
AGARIYA | अगरिया | सोनभद्र जनपद में। |
PATARI | पटारी | सोनभद्र जनपद में। |
CHERO | चेरो | सोनभद्र और वाराणसी जनपदों में। |
BHUIYA, BHUNIYA | भुइया, भुनिया | सोनभद्र जनपद में। |
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