इस आर्टिकल Types Of Forest In Hindi में वन क्या है (Forest Information) और वनों के प्रकार, प्रमुख वन के नाम पर जानकारी है।
वन किसे कहते हैं, वनों के प्रकार, प्रमुख वन के नाम Forest In Hindi
पृथ्वी की भूमि का वह भाग जहां वृक्षों का घनत्व सामान्य से अधिक होता है, वन (Forest) कहलाता है। सामान्य शब्दों में कहे तो वन उस भूभाग को कहते है जहां वृक्ष अधिक संख्या में पाए जाते है। वन को जंगल भी कहते है जबकि अंग्रेजी में “Forest” कहते है।
भू क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व सामान्य से अधिक है उसे वन (जंगल) कहते हैं। विभिन्न मापदंडों पर आधारित जंगल की कई परिभाषाएँ हैं । वन दुनियाभर में पाए जाते है।
अलग अलग ऊंचाइयों पर स्थित वन विभिन्न परितंत्रों का निर्माण करते हैं- जैसे ध्रुवों के निकट बोरील वन, भूमध्य रेखा के निकट उष्ण कटिबन्धीय वन और मध्यम ऊंचाइयों पर शीतोष्ण वन। किसी क्षेत्र की ऊंचाई और वहां मौजूद नमी उस क्षेत्र में पाए जाने वाले वृक्षों पर प्रभाव डालती है।
वन, जीव जन्तुओं के लिए आवास स्थल हैं और पृथ्वी के जल-चक्र को नियंत्रित और प्रभावित करते हैं और मृदासंरक्षण का आधार हैं इसी कारण वन पृथ्वी के जैवमण्डल का अहम हिस्सा हैं। वन धरती के सबसे प्रमुख स्थलीय परितंत्र भी हैं।
मानव और वन एक दूसरे पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव डालते हैं। वन जहाँ मनुष्य को अनेक प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराते हैं वहीं वे आमदनी का एक स्त्रोत भी हैं।
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Contents
- वन किसे कहते हैं What Is Forest In Hindi
- वनों के प्रकार Types Of Forest In Hindi
- उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forest)
- 1. सदाबहार वन (Evergreen Forest)
- 2. पर्णपाती वन (Deciduous Forest)
- 3. कांटेदार वन या शुष्क वन (Arid Forest)
- शीतोष्ण वन (Temperate Forest)
- उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forest)
- विश्व और भारत के प्रमुख वनों के नाम Forest Information In Hindi
-
- अमेज़न वर्षा वन (Amazon Rainforest)
- कांगो वर्षा वन (Congo Rainforest)
- सुंदरवन (Sundarvan)
- गिर वर्षा वन (Gir Forest)
-
- महत्वपूर्ण तथ्य
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वन किसे कहते हैं? What Is Forest? In Hindi
धरती पर वृक्षों से घिरा हुआ भूभाग वन (Forest) कहलाता है। पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन के लिए वन आवश्यक होते है। जैविक पारिस्थितिकी तंत्र वनों पर निर्भर करता है। कालांतर में पृथ्वी के भूभागों पर प्राकृतिक कारणों से वनस्पति उग आती है। यही वनस्पति वृक्षों के अधिक घनत्व से घिर जाती है। वन पूरी तरह से वृक्षों और झाड़ियों से आच्छादित रहते है।
दोस्तों वन पृथ्वी के लिए अतिआवश्यक होते है। पृथ्वी पर कई प्रकार के वन मिलते है। धरती का 9.5 फीसदी भाग वनों से आच्छादित है। औधोगिकरण के पहले वनों का क्षेत्रफल पृथ्वी के कुल भूमि क्षेत्रफल का 50 फीसदी था। परंतु बढ़ते औधोगिकरण के चलते वनों का एरिया कम हुआ है। भारत के करीब 21 फीसदी भूभाग पर वन है।
वनों में कई प्रकार की वनस्पति और पेड़ पौधे पाए जाते है। कई प्रकार के लाभकारी औषधीय पौधे भी वनों में मिलते है। वन जीव जंतुओं का आवास भी है। जीवों की हजारों प्रजातियां वनों में निवास करती है। वनों से इंसान कई तरह के प्राकृतिक संसाधन प्राप्त करता है। वनों में कई आदिवासी समुदाय भी निवास करते है।
वनों के प्रकार Types Of Forest In Hindi
वन के प्रकार (Types Of Forest) भूमि के प्रकार और जलवायु पर निर्भर करता है ।
उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forest)
इस प्रकार के वन पृथ्वी के उस भूभाग पर मिलते है जहां वर्षा अधिक होती है। अनुमान के तहत करीब 150 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा वाले वन उष्णकटिबंधीय वन (Tropical Forest) कहलाते है। भारत के उत्तर पूर्वीय वन इसी श्रेणी के है। हिमालय की तलहटी में पाए जाने वाले वन भी उष्णकटिबंधीय है।
उष्णकटिबंधीय वनों में कई प्रकार के उपयोगी पेड़ पाए जाते है। इनमें देवदार के वृक्ष, बांस का पेड़ इत्यादि आते है।
उष्णकटिबंधीय वनों को तीन भागों में बांटा जा सकता है।
1. सदाबहार वन (Evergreen Forest)
सदाबहार वन किसे कहते हैं? – इन वनों को सदाबहार वन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस प्रकार के वनों में वृक्षों के पत्ते बहुत कम गिरते है। इन वनों में वनस्पति हमेशा बनी रहती है। इन्हे वर्षा वन भी कहा जाता है। इस प्रकार के वनों में वृक्ष सघन होते है। इससे सूर्य का प्रकाश जमीन तक नही जा पाता है। इन वनों में कई प्रजातियों के वृक्ष होते है, इस कारण पत्तियां गिरने का समय भी अलग अलग होता है।
सदाबहार वनों में वार्षिक औसत वर्षा 200 सेमी से अधिक होती है। यहां का औसत तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस रहता है। भारत के उत्तर पूर्वी भाग में सदाबहार वन मिलते है। अंडमान निकोबार द्वीपसमूह पर भी सदाबहार वन पाए जाते है। भारत के पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय जैसे राज्यों में सदाबहार वन पाये जाते है।
2. पर्णपाती वन (Deciduous Forest)
पर्णपाती वन दुनिया के उस हिस्से में पाए जाते है जहां वर्षा अधिक होती हैं। इन वनों को मानसूनी वन भी कहते है क्योंकि बारिश के दिनों में इनमें हरियाली आती है। पतझड़ के मौसम में वृक्षों के पत्ते गिरते है। इसी कारण इन्हें पर्णपाती वन कहते है। इन वनों में वार्षिक औसत वर्षा 50 से 200 सेमी होती है। इसलिए पर्णपाती वन औसत वर्षा वाले वन है। इस प्रकार के वनों में वृक्षों की सघनता सदाबहार वनों से कम होती है।
दोस्तों, पर्णपाती वनों में मुख्यतः साल, शीशम, आम, नीम, सागवान के पेड़ मिलते है। इनकी लकड़ी का व्यवसायिक इस्तेमाल होता है। पर्णपाती वनों को भी दो भागों में बांटा गया है। शुष्क पर्णपाती और आद्र पर्णपाती वन। हिमालय की तलहटी और उत्तर पूर्वी भारत के हिस्सों में आर्द्र पर्णपाती वन मिलते है। भारत के मैदानी इलाकों में शुष्क पर्णपाती वन मिलते है।
3. कांटेदार वन या शुष्क वन (Arid Forest)
इन वनों को शुष्क वन भी कहते है। ये वन शुष्क और अर्ध शुष्क दो प्रकार के होते है। भारत के पश्चिमी और मध्य इलाकों में कांटेदार वन पाए जाते है। इस प्रकार के वनों में वनस्पति कांटेदार होती है। शुष्क वनों में बारिश बहुत कम होती है। कांटेदार वनों की वार्षिक औसत वर्षा 50 सेमी से कम है।
उष्णकटिबंधीय कांटेदार वनों की मुख्य वनस्पतियों में खेजड़ी, कैक्टस, बबूल, केर, बैर इत्यादि आती है। वृक्षों की ऊंचाई कम होती है। इन पर पत्तियां बहुत कम या नही होती है। भारत के राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात जैसे राज्यो में इस प्रकार के वन मिलते है। इनको मरुस्थलीय वन भी कहा जाता है।
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शीतोष्ण वन (Temperate Forest)
इस प्रकार के वन ठंडी जलवायु में पाए जाते है। शंकुधारी वन शीतोष्ण प्रकार के ही होते है। शीतोष्ण वनों में शंकुधारी वृक्ष मिलते है। देवदार, चीड़ इत्यादि वृक्ष इस प्रकार के वनों में पाए जाते है। शीतोष्ण वनों के वृक्ष चौड़ी पत्ती के होते है। इन वृक्षों की पत्तियों पर बर्फ नही ठहरती है। इसी कारण इन वृक्षों की पत्तियों की बनावट अलग होती है। शीतोष्ण वनों का ही एक प्रकार अल्पाइन होता है।
पर्वतीय वन (Montane Forest) – भारत के पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाने वाले जंगल पर्वतीय वन कहलाते है। भारत के हिमालय क्षेत्रों में पर्वतीय वन मिलते है।
मैंग्रोव वन (Mangrove Forest) – नदियों के किनारों पर पाए जाने वाले वनों को मैंग्रोव वन कहते है। इन्हें अनूप वन भी कहा जाता है। नदियों के डेल्टाई इलाकों में ये वन होते है। पश्चिम बंगाल में मौजूद सुंदरवन अनूप वन ही है। इन वनों के वृक्षों की जड़ें बाहर निकली होती है। इन्हें ज्वारीय वन भी कहा जाता है।
विश्व और भारत के प्रमुख वनों के नाम Forest Information In Hindi
अमेज़न वर्षा वन (Amazon Rainforest)
अमेज़न वर्षा वन दक्षिण अमेरिका में स्थित है। अमेज़न नदी के पास मौजूद यह दुनिया का सबसे बड़ा जंगल है। अमेज़न वर्षा वन का क्षेत्रफल 53 लाख वर्ग किलोमीटर है। इस विशाल वर्षा वन को पृथ्वी का फेफड़ा भी कहा जाता है क्योंकि अमेज़न पृथ्वी की करीब 20 फीसदी ऑक्सीजन का उत्पादन करता है।
कांगो वर्षा वन (Congo Rainforest)
अफ्रीका महाद्वीप के कांगो देश मे मौजूद यह वन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जंगल है। यह जंगल 23 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। यह वर्षा वन इतना सघन है कि सूर्य का प्रकाश भी जमीन तक नही पहुंच पाता है। इस वर्षा वन से कांगो नदी निकलती है।
सुंदरवन (Sundarvan)
सुंदरवन भारत का सबसे बड़ा जंगल है। भारत के पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में फैला यह विशाल वन का क्षेत्रफल करीब 10 हजार वर्ग किलोमीटर है। विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा भी सुंदरवन में ही बनता है। गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों से बना डेल्टा सुंदरवन डेल्टा कहलाता है। इस वर्षा वन को टाइगर का घर भी कहा जाता है। इस जंगल को सदाबहार वन भी कहते है।
गिर वर्षा वन (Gir Forest)
गुजरात के जूनागढ़ में मौजूद यह वन करीब 1500 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है। इस वन में शेर पाए जाते है। गिर को वन्यजीव अभ्यारण घोषित किया जा चुका है।
महत्वपूर्ण तथ्य
वनों ने पृथ्वी के लगभग 9.5% भाग को घेर रखा है जो कुल भूमिक्षेत्र का लगभग 30% भाग है। एक समय कभी वन कुल भूमिक्षेत्र के 50% भाग में फैल हुए थे।
वन, धरती के जीव-मडंल के कुल सकल प्राथमिक उत्पाद के 75% भाग लिए हैं । धरती की 80% वनस्पतियाँ वनों में पाई जाती हैं।
भारत के करीब 21 फीसदी भूभाग पर वन है।
रूस में सबसे अधिक वन घनत्व है। इस देश के करीब 50 फीसदी भूभाग पर वन मौजूद है। दूसरे नम्बर पर कनाडा है जिसके करीब 49 फीसदी भाग पर वन स्थित है। ब्राजील, अमेरिका, कांगो, अर्जेंटीना, चीन, भारत, इंडोनेशिया इत्यादि देश भी वनों के मामले में महत्वपूर्ण है।
औधोगिकरण के पहले वनों का क्षेत्रफल पृथ्वी के कुल भूमि क्षेत्रफल का 50 फीसदी था।
नोट – वन किसे कहते हैं, वनों के प्रकार (Types Of Forest In Hindi), प्रमुख वनों के नाम पर यह पोस्ट What Is Forest In Hindi आपको अच्छी जरूर लगी होगी। इस आर्टिकल “Forest Information In Hindi” को फेसबुक और ट्विटर सोशल मिडिया पर शेयर जरूर है।
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