कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लागू लॉकडाउन में ज्यादातर स्कूल ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. हाल ही में दिल्ली व अन्य राज्य सरकारों ने फीस को लेकर स्कूलों को सख्त निर्देश दिए थे. अब इसी कड़ी में यूपी सरकार ने भी स्कूलों से कहा है कि वो नये सेशन में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. पढ़ें क्या है सरकार का पूरा फैसला.
- नए सत्र में फीसवृद्धि नहीं होगी, स्कूल अगर बढ़े दर से फीस ले चुके हैं तो उसे समायोजित करेंगे
- उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग ने छात्रों-अभिभावकों के हित में लिया फैसला
लॉकडाउन के कारण अभिभावकों के रोजगार प्रभावित हुए
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण पैदा हुईं असाधारण परिस्थितियों के चलते छात्रों-अभिभावकों के हित में बड़ा फैसला लिया है. इसके अनुसार शैक्षणिक सत्र 2020–21 में स्कूलों को फीस न बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. सरकार का तर्क है कि लॉकडाउन के कारण कुछ छात्र–छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए हैं.
अभिभावकों को फीस जमा करने में कठिनाइ
ऐसे छात्रों के अभिभावकों को फीस जमा करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह निर्देश दिया है. उप मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने समस्त जिलाधिकारी तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लॉकडाउन चल रहा है.
शैक्षणिक सत्र 2020–21 में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी
लॉकडाउन के कारण पैदा हुईं आपात परिस्थितियों को देखते हुए ये फैसला लिया गया है. फैसले के अनुसार उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड, उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (CBSE) भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलॉरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) के स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र 2020–21 में फीस नहीं बढ़ाई जाएगी.
अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों की फीस में समायोजित करेंगे
शैक्षणिक सत्र 2019–20 में प्रवेश और हर कक्षा के लिए बताए गए शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020–21 में छात्र/छात्राओं से शुल्क लिया जाएगा. यदि किसी स्कूल ने शैक्षणिक सत्र 2020–21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया है तो वे बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों की फीस में समायोजित करेंगे.
तीन माह की अग्रिम फीस के लिए बाध्य नहीं किया जाए
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा इससे पहले छात्रों एवं अभिभावकों के हित में यह भी निर्देश जारी किया गया था कि कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण आपदा की अवधि में विद्यालयों द्वारा मासिक आधार पर शुल्क लिया जाए. किसी छात्र या अभिभावक को तीन माह की अग्रिम फीस जमा करने के लिए बाध्य नहीं किया जाए.
फीस के नाम पर किसी का नाम काटा जाए
इसके अलावा फीस जमा न होने पर विद्यालय द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई में किसी विद्यार्थी को वंचित न किया जाए और न ही फीस के नाम पर किसी का नाम काटा जाए. विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश का अनुपालन किए जाने में शिथिलता बरते जाने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम–2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष छात्र और अभिभावक शिकायत कर सकते हैं.