देश भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण और पूर्ण लॉकडाउन के बीच दिल्ली सरकार ने ऐलान किया है कि शिक्षा के अधिकार व ‘फेल नहीं करने की नीति’ के तहत नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजा जाएगा। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों के पेरेंट्स को रोजाना कोई एक प्रोजेक्ट/एक्टिविटी एसएमएस या रिकॉर्डेड फोन कॉल्स (आईवीआर) के जरिए भेजा जाएगा।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सभी टीचर इन विद्यार्थियों के साथ फोन से संपर्क में रहेंगे और उन्हें गाइड करते रहेंगे।’
सिसोदिया ने कहा, ‘कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए हमने ऑनलाइन क्लासेस का इंतजाम किया है। अप्रैल से ये क्लासेस शुरू होंगी। स्टूडेंट्स को डाटा पैक खरीदने के लिए पैसे भी दिए जाएंगे। अगर जरूरत पड़ेगी तो टीवी चैनलों के माध्यम से भी हम अलग अलग विषयों की क्लास लेने की तैयारी कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि नौवीं क्लास के लिए हम सीबीएसई से बात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सभी स्कूलों में परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाएं भी रोक दी गई हैं। शेष बोर्ड परीक्षाओं के शेड्यूल की घोषणा स्थिति सामान्य होने पर की जाएगी।
इससे पहले केंद्रीय विद्यालय भी बिना परीक्षा के कक्षा एक से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजने की घोषणा कर चुका है।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश पहले ही पहली से 8वीं तक के बच्चों को अगली कक्षा में भेजने का ऐलान कर चुके हैं। वहीं गुजरात में बिना परीक्षा दिए पहली से लेकर नौवीं तक, और ग्यारहवीं के विद्यार्थी अगली कक्षा में जाएंगे।
तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में पहली कक्षा से 9वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को बिना परीक्षा पास घोषित कर दिया गया है।