UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission, UGC) परीक्षा कराने के लिए अप्रैल में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को संशोधित करने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में मंथन चल रहा है। ऐसे में संभव है कि जल्द ही नई गाइडलाइन जारी हो सकती हैंं। आयोग ने यह फैसला देश भर के संस्थानों द्वारा परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद लिया है। दरअसल महामारी कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के चलते स्टूडेंट्स को संबंधित कॉलेज और यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं के लिए पहुंचना मुश्किल होगा।इस बारे में स्टूडेंट्स ने यूजीसी से शिकायत भी की थी। इन सभी मुद्दों को ध्यान रखकर आयोग इस दिशा में विचार कर रही है।
वहींं इसके अलावा पहले ही कई राज्य जैसे महाराष्ट्र, ओडिशा और हरियाणा ने कोरोनोवायरस के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अपनी अंतिम वर्ष की विश्वविद्यालय परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है। वहीं इस संबंध में यूजीसी ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई अंतिम अधिसूचना जारी नहीं की है।
वहीं इस बारे में टीओआई से बातचीत में एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, अब विभिन्न राज्यों में मौजूदा कोविड -19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यूजीसी उन दिशा निर्देशों को संशोधित कर रहा है, जो पहले जारी किए गए थे। उन्होंने कहा, इस बार यूजीसी ने एआईसीटीई, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, आर्किटेक्चर काउंसिल, फार्मेसी काउंसिल जैसे सभी शीर्ष पेशेवर निकायों में भी भाग लिया है। हम देश भर में स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर इसके बाद नए परीक्षा दिशा निर्देश जारी करेंगे।
बता दें कि अभी तक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर और बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेजों को ऑनलाइन परीक्षा या एक प्रोजेक्ट के माध्यम से उम्मीदवारों को रखने के लिए कहा गया था। लेकिन कुछ परिषदों ने इस विषय पर अपनी अलग राय रखी है। ऐसे में इन सभी मुद्दे पर फिलहाल मंथन चल रहा है। जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा ।
डॉ. निशंक ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। इससे परीक्षाएं रद्द होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा,“मैंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को सलाह दी है कि पिछले दिनों उसने परीक्षाओं को आयोजित करने के बारे में जो दिशा निदेर्श जारी किए थे उस पर वह विचार करे।”
उन्होंने कहा कि इस सलाह के पीछे छात्रों शिक्षकों और गैर शैक्षिक कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ की चिंता है। गौरतलब है कि पिछले दिनों यूजीसी ने एक दिशा निदेर्श जारी कर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को अंतिम सेमेस्टर की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने तथा संस्थानों को नए सत्र में खोलने और दाखिला लेने आदि के बारे में एक निदेर्श जारी किया था लेकिन शिक्षकों छात्रों और अभिभावकों ने इसका तीखा विरोध किया था और कहा था कि कोरोना के कारण वे परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं। यूजीसी अगर इस सलाह को मान लेती है तो परीक्षाएं नहीं होंगी।