गुजरात में वडोदरा के रहने वाले एक 20 वर्षीय लड़के ने लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद के लिए जो किया है, उसके बारे में जानकर अचंभा हो सकता है। लड़के का नाम प्रिंस पंचाल है, जो अब तक 10वीं कक्षा में 5बार फेल हो चुका है। बावजूद इसके, उसकी जो हॉबी और लगन है, वो काबिलेतारीफ है। प्रिंस ने लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों को फूड पैकेट्स और दवाएं भेजने वाले छोटे प्लेन एवं ड्रोन तैयार किए हैं। जिनके नीचे बकेट में खाना या दवाएं रखनी होती हैं और फिर उसे रिमोट कंट्रोल के जरिए कहीं भी सुरक्षित डिलीवर किया जा सकता है।
20 साल के प्रिंस का कारनामा
प्रिंस ने कहा कि, मैंने अपने ड्रोन के डिजाइन में ऐसा सिस्टम फिट किया है, जिससे ड्रोन हवा में रहकर जरूरतमंदों के घर की छत या घर के सामने सामान पहुंचा सकता है। इन ड्रोन में 500 से 750 ग्राम सामान रखा जा सकता है। अपने बारे में बताते हुए प्रिंस ने कहा कि, मैं 10वीं कक्षा में हर विषय में फेल हो गया था। क्योंकि, मेरा मन कुछ अलग करने में लगा रहता है। मैं स्वदेशी विमान के मॉडल बनाने लगा, जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। अब तक 35 से ज्यादा हल्के स्वदेशी विमान मॉडल तैयार कर चुका हैं। कई सारे मीडिया संस्थानों ने इन्हें कवर किया। इस बारे में मुझे अपने दादा से प्रेरणा मिली थी।
जरूरतमंदों को खाना और दवा पहुंचाएंगे ड्रोन
बकौल प्रिंस, ‘इस समय पूरा देश ही लॉकडाउन पर चल रहा है। सरकारें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों से अपील कर रही हैं कि वे घर पर ही रहें। ऐसे में ये जो प्लेन मैंने बनाए हैं, इनसे काफी मदद ली जा सकती है। मैंने लॉकडाउन में अपने समय का सदुपयोग किया है। खास बात यह है कि, मैंने अपने ड्रोन पर जीपीएस सिस्टम और टेलीमेंटरी भी लगा रखी है, ताकि सामान को तय स्थान पर भेजा जा सकता है।
बैनर और होर्डिंग्स वाले फ्लेक्स से बनाए मॉड्यूल
प्रिंस ने जो विमान मॉड्यूल बनाए हैं, वे बैनर और होर्डिंग्स में इस्तेमाल किए गए फ्लेक्स से तैयार किए। वह कहते हैं कि, जब मैं 10वीं फेल हो गया था तो घर पर बैठा रहता था। तब मुझे दादा की कहानियां याद आईं। मैं इंटरनेट सर्फिंग करने लगा। इसी के साथ मैंने अपने विमान बनाने का काम भी करता रहा। विमानों के लिए मटेरियल के लिए मैंने बैनर्स-हॉर्डिंग घर के बाहर से ही लिए।
‘तारे जमीन पर..’ वाला लड़का बुलाते हैं पड़ोसी
प्रिंस के कारनामों के चलते उसके पड़ोसी उसे ‘तारे जमीन पर..’ वाला लड़का कहकर बुलाते हैं। हालांकि, प्रिंस ने अभी अपनी 10वीं की पढ़ाई पूरी करना चाहता है। उसका कहना है कि जब भी मैं पढ़ाई करने के लिए बैठता हूं तो दिमाग में एक बोझ सा महसूस होता है। मैं एक्सपर्ट्स की मदद लेना चाहता हूं। प्रिंस के कई करीबी कहते हैं कि प्रिंस ने साबित किया है टैलेंट को सर्टिफिकेट के जरिए नहीं आंका जाता।
यूट्यूब पर बनाया अपना चैनल
अपने विमान के मॉड्यूल के बारे में प्रिंस ने दूसरों को बताने के लिए एक यूट्यूब चैनल भी बना लिया है। प्रिंस पांचाल मैकर नाम से मौजूद चैनल पर उसने रिमोट कंट्रोल्ड स्वदेशी विमान मॉड्यूल को बनाने की पूरी प्रक्रिया के वीडियो शेयर किए हैं। प्रिंस ने अपने विमान पर मेक इन इंडिया भी लिखवाया है।