वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना (COVID-19) के चलते लागू लॉकडाउन (Lockdown) के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. लोगों के साथ लाखों मूक पशु-पक्षी भी इसकी चपेट में हैं.
जयपुर: वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना (COVID-19) के चलते लागू लॉकडाउन (Lockdown) के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. लोगों के साथ लाखों मूक पशु-पक्षी भी इसकी चपेट में हैं. कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित जरुरतमंदों की मदद करने के लिए बहुत से लोग आ रहे हैं जो अपने-अपने स्तर पर इनकी मदद करने का प्रयास कर रहे हैं. कोई इंसानों के लिए रोटी का जुगाड़ कर रहा है तो कोई सड़कों और गलियों में घूमने वाले मूक जानवरों की भूख मिटाने के लिए कई तरह के जतन कर रहा है.
मूक प्राणियों की मदद करने के लिए आगे आए
राजधानी जयपुर में भी एक ऐसा युवा है जिसने इन मूक जानवरों का पेट भरने के लिए ‘2 रोटी हर घर से’ एकत्र करने का अभियान छेड़ रखा है. जयपुर निवासी डेविड ऐसे मूक प्राणियों की मदद करने के लिए आगे आए हैं. डेविड ने जानवरों की भूख मिटाने के लिए ‘2 रोटी हर घर से’ अभियान चला रखा है. शुरुआती दौर में डेविड ने अपने घर के आसपास के घरों से रोटियां एकत्रित कर इन पशुओं को देना शुरू किया, लेकिन अब उन्हें काफी लोगों की मदद मिलने लगी है. अब डेविड अपनी कार में हर रोज इन रोटियों समेत गायों के लिए चारा, कुत्तों के लिए अलग से पैकड फूड और पक्षियों के लिए अनाज लेकर सड़क पर निकलते हैं और उन्हें ये खाना देकर उनकी भूख मिटाते हैं.
शहर के कई इलाकों में जाते हैं
अलसुबह 5 बजे से शुरू होने वाली डेविड की ये दिनचर्चा इन दिनों कई घंटों तक चलती हैं. डेविड राजधानी के मानसरोवर, मुहाना रोड, न्यू सांगानेर रोड, रिद्धि- सिद्धी चौराहे और आसपास के कई इलाको में पहुंचते हैं. इस दौरान डेविड लोगों से भी ये ही अपील करते नजर आते हैं कि जानवरों से प्यार करें.
सरकार भी पुरजोर कोशिश कर रही
उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के इस दौर में सब कामकाज बंद हैं. दिहाड़ी मजदूरों से लेकर लाखों जरुरतमंद लोगों के पास खाने का साधन नहीं है. ऐसे लोगों की भूख मिटाने के लिए सरकार भी पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं बहुत से सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संगठन भी इस काम में जुटे हैं. लेकिन इस दौर में सबसे ज्यादा खराब हालत उन मूक जानवरों और पक्षियों की है जो बोलकर अपनी भूख का इजहार नहीं कर सकते. डेविड जैसे बहुत से लोग अब इन मूक प्राणियों की भूख मिटाने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं.