कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के आठ हजार और आगरा मंडल के 1700 छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को आगरा परिवहन निगम ने 200 बसों को कोटा रवाना किया। ब्रज में कुल बसों की संख्या करीब 300 है। आगरा आईएसबीटी पर सुबह सभी बसों का पहले सेनेटाइज किया गया। चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। थर्मल स्क्रीनिंग की। सुबह दस बजे से बसों को भेजना शुरू कर दिया गया।
पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया। बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे। कई छात्रों ने अभियान चलाया, तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायक से गुहार लगाई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया। इसमें झांसी रीजन, बनारस रीजन के साथ सबसे ज्यादा 200 बसें आगरा रीजन से भेजी गईं।
आगरा परिवहन निगम के आरएम एमके त्रिवेदी का कहना है कि मुख्यालय से निर्देश मिलते ही 200 चालक-परिचालकों को बुलाया। सभी बसों को दोबारा सुबह तक सेनेटाइज कराया गया। चालकों को मास्क देने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्क्रीनिंग की गई। अभियान की कमान रोडवेज के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने संभाली। उन्होंने बताया कि एक बस में 25 से 30 बच्चे बैठेंगे। एक पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड हर बस में रहेंगे। शनिवार रात या रविवार सुबह तक ये बसें बच्चों को घर तक छोड़कर आएंगी। लंबी दूरी पर जाने वाली बसों में दो चालक भेजे गए। पूरे अभियान में विजेंद्र सिंह, एआएम जयकरन सिंह, रोडवेज के इंप्लाइज यूनियन के मंत्री प्रमोद श्रीवास्तव, राजकुमार गौतम, प्रमोद जादौन के साथ इंप्लाइज यूनियन की टीम लगी रही।
कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे यूपी के आठ हजार और आगरा मंडल के 1700 छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को आगरा परिवहन निगम ने 200 बसों को कोटा रवाना किया। ब्रज में कुल बसों की संख्या करीब 300 है। आगरा आईएसबीटी पर सुबह सभी बसों का पहले सेनेटाइज किया गया। चालकों के स्वास्थ्य की जांच की गई। थर्मल स्क्रीनिंग की। सुबह दस बजे से बसों को भेजना शुरू कर दिया गया।
पूरे देश के हजारों छात्र कोटा में इंजीनियर और डॉक्टर बनने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। 22 मार्च को लॉकडाउन हुआ तो इन बच्चों ने किसी तरह अपना समय गुजार लिया। बाद में लॉकडाउन के दूसरे चरण में 19 दिन बढ़ने के बाद यह छात्र परेशान हो उठे। कई छात्रों ने अभियान चलाया, तो किसी ने भाजपा के स्थानीय सांसद-विधायक से गुहार लगाई। सीएम योगी आदित्यानाथ ने गुरुवार रात प्रदेश की तीन सौ बसें कोटा भेजने का निर्णय लिया। इसमें झांसी रीजन, बनारस रीजन के साथ सबसे ज्यादा 200 बसें आगरा रीजन से भेजी गईं।
आगरा परिवहन निगम के आरएम एमके त्रिवेदी का कहना है कि मुख्यालय से निर्देश मिलते ही 200 चालक-परिचालकों को बुलाया। सभी बसों को दोबारा सुबह तक सेनेटाइज कराया गया। चालकों को मास्क देने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण, थर्मल स्क्रीनिंग की गई। अभियान की कमान रोडवेज के सेवा प्रबंधक एसपी सिंह ने संभाली। उन्होंने बताया कि एक बस में 25 से 30 बच्चे बैठेंगे। एक पुलिसकर्मी और एक होमगार्ड हर बस में रहेंगे। शनिवार रात या रविवार सुबह तक ये बसें बच्चों को घर तक छोड़कर आएंगी। लंबी दूरी पर जाने वाली बसों में दो चालक भेजे गए। पूरे अभियान में विजेंद्र सिंह, एआएम जयकरन सिंह, रोडवेज के इंप्लाइज यूनियन के मंत्री प्रमोद श्रीवास्तव, राजकुमार गौतम, प्रमोद जादौन के साथ इंप्लाइज यूनियन की टीम लगी रही।
सोशल मीडिया पर बच्चों ने चलाया था अभियान
कोटा में पढ़ रहे बच्चों ने व्हाट्सएप और फेसबुक पर अभियान चलाया था। पिछले चार दिन से यह अभियान चल रहा था। अभियान को कोटा के जिलाधिकारी ने संज्ञान में लिया। उसके बाद उन्होंने बच्चों को भेजने का महाप्लान तैयार किया।
लोकसभा के सभापति ने सीएम से की बात
लोकसभा के सभापति ओम बिरला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस अभियान में अहम योगदान रहा। ओम बिरला ने सीएम से गुरुवार को बात की। रातो-रात सीएम योगी ने इस प्लान को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अफसरों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यूपी का हर बच्चा अगले 72 घंटे में घरों में होना चाहिए। वह भी सुरक्षा के साथ।
अहम बातें
- प्रदेश के 8000 और आगरा मंडल के 1700 छात्रों को लाएंगी बसें।
- सभी रोडवेज बसों को सेनेटाइज कर किया गया रवाना।
- सुबह से ही आईएसबीसी से बसें की गई रवाना।
- हर बस के साथ एक पुलिसकर्मी और एक गार्ड को भेजा गया।
- एक बस में 25 छात्रों को ही लाने के दिए गए निर्देश।